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ममता बनर्जी का एलान बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेगी टीएमसी

राजनीति            Jan 24, 2024


मल्हार मीडिया डेस्क।

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी. ममता बनर्जी के इस एलान से एक तरफ जहां 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन के लिए यह झटका माना जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर अब सवाल उठा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार का अगला कदम क्या होगा?

नीतीश कुमार ने ही विपक्षी एकता की मुहिम की शुरुआत की थी और कई विपक्षी दलों को एक मंच पर लाया था. अब ममता बनर्जी के इस फैसले से ऐसा लग रहा है कि इंडिया गठबंधन पहले ही न बिखर जाए. इस बीच जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी (KC Tyagi) ने प्रतिक्रिया दी है.

केसी त्यागी ने कहा कि हम चिंतित भी हैं और कष्ट में भी हैं. नीतीश कुमार के मैराथन प्रयासों के बाद इंडिया गठबंधन अस्तित्व में आया था. ममता बनर्जी अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव को यही आशंका थी कि कांग्रेस पार्टी के साथ काम करने में दिक्कत है. इसलिए गैर कांग्रेसी और गैर बीजेपी वाला गठबंधन बनना चाहिए.

केसी त्यागी ने कहा, "नीतीश कुमार जी के प्रयास के बाद यह लोग पटना में आने के लिए तैयार हुए. हमें अफसोस है कि बड़ा दल होने के नाते कांग्रेस को सहृदयता दिखानी चाहिए थी उसका अभाव है. कांग्रेस कई राज्यों में किसी पार्टी के साथ सीट शेयर करने के लिए तैयार नहीं है. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से अनुरोध है कि वो दखल दें नहीं तो यह गठबंधन संकट में आ जाएगा."

जेडीयू नेता ने कहा कि यह कष्ट की घड़ी है और बड़े दल को बड़ा दिल दिखाना चाहिए. नीतीश कुमार ने चिंता जताई थी कि सीट शेयरिंग को लेकर काम बहुत धीरे चल रहा है. पिछले दिनों अधीर रंजन के जो बयान आए, जिसमें राष्ट्रपति शासन की मांग थी. इस पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने उनसे नहीं कहा कि आप इस तरह के बयान ना दें. स्थिति बहुत ही नाजुक है और दुर्भाग्यपूर्ण है.

गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने कहा है कि टीएमसी बंगाल में किसी से तालमेल नहीं करेगी. उनके दल को बंगाल में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की कोई जानकारी नहीं दी गई और न ही कांग्रेस ने इस बारे में उन लोगों से कोई चर्चा की.

इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर क्षेत्रीय पार्टियों का एक-एक कर रुख सामने आ रहा है. इस बीच बंगाल से ममता बनर्जी ने अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है.

शरद पवार के गुट वाली एनसीपी ने बुधवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के रुख को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी  की घोषणा किसी ‘रणनीति’ का हिस्सा हो सकती है. पार्टी ने इस बात पर जोर दिया कि ‘इंडिया’ गठबंधन बीजेपी के खिलाफ एकजुट है.

शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ‘इंडिया’ गठबंधन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. वे हमारे साथ हैं और हम बीजेपी के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ेंगे. अगर ममता जी ने कोई बयान दिया है तो यह किसी रणनीति का हिस्सा हो सकता है. ‘इंडिया’ गठबंधन में कोई समस्या नहीं है.’’

क्रेस्टो ने कहा कि क्षेत्रीय दलों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है जो विपक्षी गठबंधन को मजबूती प्रदान करेंगे. दरअसल, ममता बनर्जी ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा, ‘‘मैंने उन्हें (कांग्रेस को) एक प्रस्ताव (सीट बंटवारे पर) दिया था, लेकिन उन्होंने इसे शुरू में ही ठुकरा दिया. अब हमारी पार्टी ने बंगाल में अकेले लड़ने का फैसला किया है.’’

क्या इस वजह से हुआ बिखराव?

ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने राज्य में सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस में किसी से बात नहीं की है. सूत्रों के अनुसार, ममता की पार्टी की ओर से 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए उसे केवल दो सीट देने की पेशकश की गई है जिसको लेकर दोनों दलों के बीच खींचतान बढ़ गई है.टीएमसी, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) 28 विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा हैं. बनर्जी ने यह भी कहा कि पार्टी का राज्य में कांग्रेस से कोई रिश्ता नहीं होगा.

ममता बनर्जी पर यह बोले आदित्य ठाकरे

शिवसेना-यूबीटी  के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शेरनी की तरह लड़ रही हैं और उनकी लड़ाई राज्य के लिए महत्वपूर्ण है. ठाकरे ने कहा, ''वह शेरनी की तरह लड़ रही हैं और उनकी लड़ाई पश्चिम बंगाल के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.'' हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें ममता के फैसले के बारे में जानकारी नहीं है.

 

 



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