मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के चलते सागर जिले में भाजपा में बगावत के बाद अब कांग्रेस में बगावत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने सागर जिले की नरयावली विधानसभा में सुरेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाया है।
प्रत्याशी की घोषणा होते ही नरयावली विधानसभा में कांग्रेस नेताओं ने बगावत शुरू कर दी। लेकिन अब कांग्रेस की बगावत सागर से निकलकर भोपाल पहुंच गई है।
सागर की नरयावली विधानसभा सीट में घमासान मच गया है. कांग्रेस की सूची जारी होते ही नरयावली में विरोध के स्वर फूट पड़े. दरअसल, यहां कांग्रेस ने पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। सुरेन्द्र चौधरी 2013 और 2018 में लगातार नरयावली से चुनाव हार चुके हैं।
सुरेन्द्र चौधरी पहली बार 1998 में नरयावली से चुनाव जीते थे और राज्यमंत्री बने थे। इसके बाद 2003 में वो भाजपा के नारायण कबीरपंथी से चुनाव हार गए। इसके बाद 2008 में उन्हें टिकट नहीं मिला।
लेकिन 2013 और 2018 की हार के बाद 2023 में फिर उम्मीदवार बनाए जाने से कांग्रेस के दूसरे दावेदार नाराज हो गए हैं।
नरयावली विधानसभा के कांग्रेस कार्यकर्ता और अन्य लोग भोपाल पहुंचे। जहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के सामने नरयावली सीट के कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र चौधरी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने कहा की तीन बार का हारा प्रत्याशी नहीं चलेगा। उन्होंने प्रत्याशी बदलने की मांग की है।
साथ ही सागर जिला पंचायत की सदस्य और टिकट की दावेदार शारदा खटीक के समर्थक सड़कों पर उतर आए और कांग्रेस प्रत्याशी का पुतला फूंका. शारदा खटीक ने साफतौर पर एलान किया है कि पार्टी चाहे तो अभी भी टिकट बदल दे, नहीं तो उन्हें मजबूर होकर इस्तीफा देना पड़ेगा।
वहीं टीकमगढ़ जिले के खरगापुर से चंदारानी गौर को टिकट दिए जाने से टिकट की दावेदारी कर रहे अजय सिंह यादव बगावत के मूड में उतर आए हैं। उन्होंने कांग्रेस के तमाम पदों से इस्तीफा देकर खरगापुर में न्याय यात्रा निकालने का एलान कर दिया है।
उन्होंने कहा है कि खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में जिस तरह से कांग्रेस पार्टी द्वारा टिकट वितरण में पिछड़े वर्गों की अनदेखी की गई, सभी साथियों के साथ बैठक करके यह फैसला लिया है कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में न्याय यात्रा निकाली जाएगी।
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