मल्हार मीडिया भोपाल।
बिहार की राजधानी पटना में रोजगार, भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी के मुद्दे पर गुरुवार को विधानसभा घेराव करने निकले भाजपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। क्या सांसद...क्या विधायक...बिहार पुलिस ने एक तरफ से सब पर लाठियां भांजीं।
इस दौरान एक भाजपा नेता की मौत हो गई। हालांकि, जिला प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है कि भाजपा नेता की मौत लाठीचार्ज की वजह से नहीं हुई है।
बहरहाल, बुधवार को गांधी मैदान से विधानसभा तक शुरू हुए भाजपा के प्रदर्शन को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने शहर में हजारों की संख्या में पुलिस के रंगरूटों को तैनात कर दिया था।
दोपहर एक बजे बाद जैसे ही मार्च में शामिल भाजपा नेता गांधी मैदान से विधानसभा की ओर बढ़े, वैसे ही डाक बंगला चौराहे के पास पुलिस ने आक्रोशित भीड़ को आगे बढ़ने से रोका और देखते ही देखते सड़क पर झड़प की स्थिति बन गई।
पुलिस ने मार्च में शामिल भाजपा नेताओं से रुकने की अपील की, लेकिन भीड़ नहीं रुकी। इसके बाद, पुलिस ने जमकर लाठियां चटकाईं।
ऐसे में भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ विधायकों और सांसदों को भी चोट आई है। इस दौरान भाजपा के महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को भी सिर पर पुलिस की लाठी लगी।
पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए न सिर्फ लाठीचार्ज किया, बल्कि प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार से भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बलप्रयोग भी किया।
जहानाबाद के जिला भाजपा महासचिव विजय कुमार सिंह की पुलिस पिटाई से मौत हो गई। सूचना मिली थी कि उनके सिर पर लाठी मारी गई थी। हालांकि, प्रशासन ने इससे इनकार किया है।
पुलिस की सख्त कार्रवाई को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा और भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी सहित कई अन्य नेता सड़क पर धरने पर बैठ गए थे।
विधानसभा घेराव के लिए भाजपा ने बड़ी तैयारी की थी। पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूरे पटना शहर को पोस्टर, होर्डिंग और बैनरों से पाट दिया था। अपनी ताकत दिखाने के लिए शहर में तमाम बड़े भाजपा नेताओं और उनके समर्थकों का जमावड़ा लगा था।
सभी 45 संगठनात्मक जिलों से भाजपा के नेता और कार्यकर्ता पटना पहुंचे थे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने जैसे ही बैरीकेडिंग को तोड़ा, वैसे ही पुलिस ने आक्रामक रुख अपनाते हुए बलप्रयोग शुरू कर दिया।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि शुक्रवार को हम राज्यपाल के पास जाएंगे और राज्यसभा मार्च करेंगे। इन भ्रष्टाचारियों को एक भी दिन सरकार में रहने का अधिकार नहीं है।
Comments