मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मीडिया से बातचीत बंद कर दी है। उन्होंने कहा कि मैं हाथ जोड़ती हूं, हम जो बोलते हैं, आप लोग उसे तोड़-मरोड़कर दिखाते हैं।
इसे मैं बिल्कुल पसंद नहीं करती। टिकट कटने के बाद दिए उनके एक बयान को लेकर राजधानी के 74 बंगले पर मीडिया कर्मी उनसे प्रतिक्रिया लेने पहुंचे थे।
उन्होंने कहा- न पहले, न आज इस प्रकार का काम पसंद नहीं करती हूं। आज के बाद मैं कोई भी बयान नहीं दूंगी। कोई इंटरव्यू नहीं दूंगी। हमारा मीडिया खुद का रहेगा। उस पर हम बात करेंगे। फिर जिसका लेना है लो नहीं लेना है नहीं लो। हम प्रचारित होने का शौक नहीं रखते हैं।
प्रज्ञा ने कहा- कल भी मैंने कुछ नहीं कहा। बावजूद इसके कह दिया कि प्रज्ञा भड़की। यह कोई बात हुई। (हाथ जोड़ते हुए) मैं मीडिया से न बनी हूं, न मीडिया मुझे बिगाड़ सकता है। मैं अपने सिद्धांतों पर चलती हूं। संन्यासी हूं। जो सत्य हूं, मैं वहीं हूं, इसको कोई मिटा नहीं सकता।
प्रज्ञा ठाकुर ने एक श्लोक सुनाते हुए कहा कि भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है...सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ। ततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि॥ , जिसका आप लोग अर्थ निकालते रहना।
प्रज्ञा ठाकुर के सुनाए गए श्लोक का भावार्थ यह होता है कि सुख-दुःख को समान, तुल्य समझकर उनमें राग द्वेष न करके तथा लाभ-हानि को और जय-पराजय को समान समझकर उसके बाद तू युद्ध के लिए चेष्टा कर, इस तरह युद्ध करता हुआ तू पाप को प्राप्त नहीं होगा।
टिकट की घोषणा के बाद हाल ही में उनका एक बयान सामने आया था। जिसमें उनसे जब पूछा गया था कि टिकट क्यों कटा? तो उन्होंने कहा था, 'हो सकता है कि मैंने कुछ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर लिया जो मोदी जी को पसंद नहीं आए। प्रज्ञा ने यह भी कहा कि यह संगठन का निर्णय है, इसमें यह नहीं सोचना चाहिए कि क्यों टिकट कटा, कैसे कटा। मैंने पहले भी टिकट नहीं मांगा था और अब भी नहीं मांगा है।'
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