मल्हार मीडिया भोपाल।
केंद्रीय राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली से भोपाल लौट नवनिर्वाचित विधायक एवं मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के दावेदार प्रहलाद पटेल के भोपाल पहुंचने ही सुश्री उमा भारती समर्थक सक्रिय हो गए हैं।
सोशल मीडिया पर याद दिलाया जा रहा है कि, आज से ठीक 20 साल पहले 8 दिसंबर 2003 को साध्वी उमा भारती मुख्यमंत्री बनी थी और 20 साल बाद उमा भारती के समर्थक श्री प्रहलाद पटेल, मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि प्रहलाद पटेल के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद मध्य प्रदेश में सुश्री हुआ भारती की स्थिति राजमाता जैसी होगी।
सुश्री उमा भारती के ज्यादातर समर्थक प्रहलाद पटेल के संपर्क में आ चुके हैं। उन्हें बधाइयां दे चुके हैं, और हर स्तर पर प्रहलाद पटेल के स्वागत की तैयारी शुरू हो गई है।
कुल मिलाकर मध्य प्रदेश में सरकार भारतीय जनता पार्टी की ही है परंतु माहौल सत्ता परिवर्तन जैसा दिखाई देने लगा है। श्री प्रहलाद पटेल, अपना निर्वाचन प्रमाण पत्र मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय में जमा करने के लिए आए हैं।
भारत की राजधानी दिल्ली से जैसे ही यह खबर आई कि, श्री पटेल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किए गए नेताओं में शामिल हैं। इस खबर का सबसे बड़ा असर टीकमगढ़ जिले की खरगापुर विधानसभा सीट पर देखने को मिला।
यहां पर उमा भारती के भतीजे, एवं उमा भारती को संतुष्ट करने के लिए अंतिम समय में मंत्री बनाए गए राहुल लोधी चुनाव हार चुके हैं परंतु फिर भी उन्होंने एक धन्यवाद सभा का आयोजन किया और इसमें खुला ऐलान किया कि भले ही चुनाव हार गए हैं परंतु काम हमारे होंगे, और विरोधियों के काम नहीं होंगे।
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी विधायक दल का नेता यानी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का चुनाव कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड द्वारा पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है।
मध्य प्रदेश में मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री हरियाणा, डॉ के लक्ष्मण राष्ट्रीय अध्यक्ष ओबीसी मोर्चा और आशीष लकड़ा राष्ट्रीय सचिव, भोपाल आकर भाजपा विधायक दल की मीटिंग लेंगे। इसी बैठक में विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाएगा।
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