खण्डवा से संजय चौबे।
मध्यप्रदेश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट खण्डवा पर कांग्रेस और भाजपा दोनों अपनी—अपनी जीत पक्की करने के लिए मास्टर स्ट्रोक का प्रयोग कर रहीं हैं। यहां मोदी और राहुल अपनी अपनी पार्टी के लिए मास्टर स्ट्रोक खेलने आ रहे हैं।
इन दोनों के आने से खण्डवा लोकसभा सीट पर सभी की नजरें लगी हुई है। मौसमी पारे को पीछे छोड़ सियासी पारा अपने उच्चतम शिखर तक पहुंच रहा है।
भाजपा के मौजूदा सांसद नंदकुमारसिंह चौहान का किला बचाने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खण्डवा लोकसभा क्षेत्र की सबसे पिछड़ी विधानसभा सीट पंधाना के ब्लाक मुख्यालय छैगांवमाखन में आमसभा को संबोधित करने के लिए 12 मई को मौर्चा संभालने वाले हैं।
सातवीं बार चुनावी रण में उतरे भाजपा प्रत्याशी नंदकुमारसिंह चौहान चुनावी वैतरणी पार करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहते हैं। भाजपा के लिए खण्डवा संसदीय सीट कितनी अहम हैं यह इस बात से ही साबित हो रहा है कि मतदान से महज एक हफ्ते पहले भाजपा के राष्ट्रीय स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी मास्टर स्ट्रोक खेलने आ रहे हैं।
भाजपा मोदी की सभा को सफल बनाने और अपने किले को ढहने से बचाने के लिए सारी ताकत झोंकती नजर आ रही। नंदकुमारसिंह चौहान के लिए विधान सभा चुनाव सत्ता का सेमीफाइनल के रूप में खण्डवा लोकसभा क्षेत्र में खतरे की घंटी बजा गए हैं।
इस लोकसभा सीट की बुरहानपुर , नेपानगर , मांधाता , भीकनगांव और बड़वाह विधान सभा सीटें कांग्रेस का विजयी परचम फहरा कर भाजपा के लिए चुनौती बनी हुई है। इतना ही नहीं बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र में अर्चना चिटनीस और उनके समर्थकों की नाराजगी को कंट्रोल कर लेने की खबर भाजपा खेमे से अभी तक नही आई है।
भीतरघात की आशंका ने भाजपा के रण नीतिकारो की पेशानी पर बल ला दिए हैं। बावजूद इसके भाजपा को मोदी के मास्टर स्ट्रोक पर पूरा भरोसा है।
इस सीट पर तीसरी बार चुनावी महासंग्राम में दांव लगाने उतरे कांग्रेस के अरुण यादव अपनी हार का बदला लेने के लिए सारी ताकत झौकते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 14 मई को जिला मुख्यालय खण्डवा में अहम आमसभा को संबोधित कर अरुण यादव केलिए वोट मांगेंगे। कांग्रेस की तरफ से यह मोदी के मास्टर स्ट्रोक के खिलाफ राहुल का मास्टर स्ट्रोक साबित करवाने की कवायद मानी जा रही है।
अरुण यादव की राह में टिकट वितरण के पहले और बाद में खुलकर रोड़ा बने सुरेंद्र सिंह शेरा को मनाकर सूबे के पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहले ही मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है। इससे अरुण यादव खेमे ने राहत की सांस ली है।
अरुण यादव की राह आसान बनाने के लिए उनके छोटे भाई और सूबे के कृषि मंत्री सचिन यादव , जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मौर्चा संभाल लिया है। वे किसानों की कर्ज माफी के साथ राहुल के अब न्याय होगा को मतदाताओं के गले उतारने की कवायदों में लगे हुए।
इस सीट पर मोदी , राहुल में से कौन सफल रहेगा इसका पता 23 मई को लग जाएगा। फिलहाल कांग्रेस और भाजपा में करो या मरो की स्थिति बनी हुई है।
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