मल्हार मीडिया ब्यूरो उमरिया।
मध्यप्रदेश के उमरिया जिले की बांधवगढ़ विधानसभा उपचुनाव हारने के बाद कांग्रेस अब अनिश्चित कालीन अनशन पर बैठ कर मांग कर रही है कि ई व्ही एम में हुई गड़बड़ी की जांच करा कर हमको न्याय दिया जाय नहीं तो हम अनशन समाप्त नहीं करेंगे। कांग्रेस प्रत्याशी का कहना है यह अनशन हमने जनता से बात करने के बाद शुरू किया है और वह इसके लिए शपथपत्र देने को तैयार है कि वोट कांग्रेस को दिया है
उमरिया जिले के बांधवगढ़ विधान सभा उप चुनाव की मतगडना 13 अप्रैल को होने के बाद भाजपा के शिव नारायण सिंह ने कांग्रेस की सावित्री सिंह को 25476 वोट की करारी शिकस्त देने के बाद अपनी जीत दर्ज कराई थी। हालांकि मतगणना के दौरान ही कांग्रेस ने अधिक वोटिंग और व्हीव्हीपीएटी की परची गिनवाने की आपत्ति रिटर्निंग ऑफिसर के पास दर्ज कराई थी,जिसे निरस्त कर दिया गया और कांग्रेस की हार हो गई।
इसी मामले में कांग्रेस की हारी हुई प्रत्याशी सावित्री सिंह न्याय की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन अनशन पर बैठ गई हैं, उनका कहना है कि ई व्ही एम मशीन में धांधलेबाजी किया गया है उसके विरोध में बैठे हैं, वहीँ कहना है कि हमारे क्षेत्र की जनता हमारे साथ है जहां से हम हर बार पोलिंग जीतते थे वहां की जनता आज त्रस्त है रो रही है, जनता कह रही है कि हमने वोट दिए हैं हमारे वोट कहाँ गए? हम उस वोट का हिसाब करने के लिए बैठे हैं, वोट ई व्ही एम से गोल हो गये हैं। पूरे क्षेत्र की जनता कह रही है हमने वोट दिए हैं उसी को विश्वास में लेकर हम धरने पर बैठे हैं हमको न्याय मिलाना चाहिए। जनता शपथ पत्र देने को तैयार है जब तक न्याय नहीं मिलेगा हम नहीं उठेंगे।
वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता और अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पुष्पराज सिंह का कहना है कि मतदान जब 9 अप्रैल को हो रहा था तो मतदान का प्रतिशत शुरू में कम रहा और अचानक से बढ़ कर 67.16 हो गया। प्रशासन से बात करने पर जवाब मिला कि कुछ कारणों से बढ़ गया। मतगणना के दौरान व्ही वही पेड से जो परचियां निकलनी चाहिए थी वो हमारे पास तक आनी चाहिए थी और नही लाई गई। उन्होंने कहा कि हमने तेरहवें और चौदहवें राउंड में इस बात की शिकायत की थी कि जो कंट्रोल यूनिट से वोट निकल रहे हैं हमारी सोंच से कहीं ज्यादा है। लोगों ने इतना मतदान नहीं किया है व्ही वही पेड की परचियां गिनवाई जायें।
उन्होंने कहा हमने रिटर्निंग आफीसर को आवेदन पत्र दिया और उसने रिजेक्ट कर दिया तभी हमको शंका हो गई थी कि जिला प्रशासन ने भारतीय जनता पार्टी के दबाव में ई व्ही एम में छेड़खानी कर रहा है। इसी के कारण हम लोग धरना – प्रदर्शन में बैठे हैं, जब तक कोई निर्णायक स्थिति नहीं बनाती है प्रशासन हमारी मांग को स्वीकार नहीं कर लेता तब तक हम लोग इसी तरह बैठे रहेंगे। जबकि हमको बताया गया था कि जब कोई विवाद की स्थितिओ होगी तो कंट्रोल यूनिट से निकालने वाले मत और व्ही व्ही पेड से निकली परची का मिलान किया जाएगा लेकिन हमर आवेदन निरस्त करने से मतलब है कि कहीं न कहीं ई व्ही एम से छेड़–छाड़ किया गया है।
गौरतलब है कि धरना प्रदर्शन की जगह अगर उच्च न्यायालय की शरण में जाते तो कुछ परिणाम भी सामने आते।
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