मल्हार मीडिया ब्यूरो।
ग्रीष्मकालीन अवकाश के बावजूद राज्य के सूखाग्रस्त 18 जिलों की शालाओं में लगभग 20 लाख बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिया जा रहा है। ग्रामीण रोजगार एवं राज्य समन्वयक मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम परिषद के संचालक जसबीर सिंह चौहान ने सोमवार को आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि प्रदेश के 18 सूखा प्रभावित जिलों की 37 हजार 615 शालाओं के लगभग 19.45 लाख बच्चों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान प्रतिदिन मध्यान्ह भोजन दिया जा रहा है।
चौहान के मुताबिक, वर्ष 2018-19 के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 18 जिलों जिलों अशोकनगर, भिंड, छतरपुर, दमोह, ग्वालियर, पन्ना, सागर, सतना, शिवपुरी, सीधी, टीकमगढ़, विदिशा, शाजापुर, श्यौपुर, मुरैना, दतिया, शहडोल एवं उमारिया केा सूखा ग्रस्त घोषित किया गया है। इन जिलों के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में दर्ज बच्चों को गर्मी की छुट्टियों में भी प्रतिदिन निर्धारित मेनू के अनुसार मध्यान्ह भोजन दिया जा रहा है।
चौहान ने बताया कि इस व्यवस्था को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए अवकाश के दिनों में एक शिक्षक के ड्यूटी लगाई गई है। राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक मॉनिटरिंग के लिए टीम गठित कर दी गई है।
परिषद के संचालक चौहान ने आगे बताया कि मध्यान्ह भोजन योजना के तहत सामान्य अध्ययन दिवस में प्रदेश में 87 हजार 786 प्राथमिक शालाओं के 37़ 13 लाख बच्चों तथा 30 हजार 936 माध्यमिक शालाओं के 23 लाख 18 हजार बच्चों को प्रतिदिन मध्यान्ह भोजन दिया जाता है।
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