मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित सप्रे संग्रहालय की ज्ञान-संपदा में विश्व संग्रहालय दिवस पर असाधारण अभिवृद्धि होने जा रही है।
पद्मश्री साहित्य-मनीषी प्रोफे. रमेशचंद्र शाह 18 मई को शाम 4.30 बजे 2000 से अधिक ग्रन्थों, विद्वानों के सैकड़ों पत्रों और पाण्डुलिपियों के विपुल संग्रह का लोकार्पण करेंगे।
शोधकर्ताओं, लेखकों, पत्रकारों, शिक्षाविदों के लिए यह संदर्भ सामग्री महत्वपूर्ण उपलब्धि सिद्ध होगी।
माधवराव सप्रे स्मृति समाचारपत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान, भोपाल के संस्थापक-संयोजक विजयदत्त श्रीधर ने बताया कि पुणे से कर्मयोगी पं. माधवराव सप्रे की समूची विरासत उनके पौत्र डा. अशोक सप्रे ने उपलब्ध कराई है।
कोलकाता से साहित्य-मनीषी डा. कृष्णबिहारी मिश्र ने अपना विपुल साहित्य संग्रह और पाण्डुलिपियाँ, पत्रादि सप्रे संग्रहालय को प्रदान किए हैं।
प्रयागराज से विज्ञान लेखक डा. शिवगोपाल मिश्र और प्रख्यात भाषा-विज्ञानी डा. उदय नारायण तिवारी का महत्वपूर्ण पाण्डुलिपि-ग्रन्थ-पत्रादि संग्रह भी सप्रे संग्रहालय के ज्ञान-कोश का हिस्सा बना है।
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