अशोक मनवानी।
मध्यप्रदेश के जनसंपर्क, जल संसाधन और संसदीय कार्य विभाग के मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र का 15 अप्रैल को जन्म दिवस है। श्री मिश्र अपने यशस्वी जीवन के 57 वर्ष पूर्ण कर रहे हैं। डॉ. नरोत्तम मिश्र की जन्म वर्षगांठ पर जन-प्रतिनिधियों, पत्रकारों, अधिकारियों-कर्मचारियों और आम जन ने उन्हें बधाई दी है। प्रत्येक वर्ग से संवाद और समन्वय रखना डॉ. नरोत्तम मिश्र की विशेषता है। माँ पीताम्बरा के आशीर्वाद से डॉ. नरोत्तम मिश्र ने दतिया को एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक, धार्मिक केंन्द्र के साथ ही पर्यटक स्थल बनाने का प्रयास भी किया है। देश के नक्शे पर दतिया उभरकर आया है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान श्री नरोत्तम की तुलना एक सफल क्रिकेटर से करते हैं, वे कहते हैं कि वे उनकी टीम के सचिन तेंदुलकर है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने हाल ही में सम्पन्न विधानसभा सत्र के समापन अवसर पर उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि श्री मिश्रा की कार्यशैली विशेषकर विधानसभा में फ्लोर मैंनेजमेंट पर पीएचडी की जाना चाहिए। अधिकांश विधानसभा सदस्यों ने चाहे वे भाजपा के हों, कांग्रेस के या फिर किसी अन्य दल के, उनकी सराहना करते हैं। व्यक्तिगत स्वास्थ्य और व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करने वाले डॉ. मिश्र सुरूचिपूर्ण वेशभूषा का ध्यान भी रखते हैं।
जहाँ तक दतिया क्षेत्र के विकास का प्रश्न है चाहे मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य शुरू होने की उपलब्धि हो या हवाई पट्टी का निर्माण, या फिर ओवर ब्रिज का निर्माण नरोत्तम जी ने वृहद दतिया के विकास के लिए ठोस कदम उठाए हैं। आज नगरीय क्षेत्र दतिया जो ग्वालियर और झाँसी के मध्य है अनेक क्षेत्र में आत्म निर्भर होकर नागरिकों को बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने में समर्थ बन रहा है। सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, परिवहन, विद्युत आपूर्ति, सड़कों के निर्माण और सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजनों के श्रंखला के साथ दतिया विकास का एक उदाहरण बनकर उभरा है। किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ दिलवाना हो या आनंद विभाग की गतिविधियों की शुरूआत। दतिया अनेक कार्यों में अव्वल रहा है। दतिया नगर में देश के विख्यात कलाधर्मी सार्वजनिक मंच पर प्रस्तुति दे चुके हैं। डॉ. नरोत्तम मिश्र सहज स्वभाव के साथ ही कार्य निष्पादन में तत्पर रहकर आम जनता की समस्याएँ दूर करने का कार्य लगातार करते हैं। इससे उनके प्रति समाज के विभिन्न वर्गों में सम्मान का भाव बढ़ा है।
डॉ. नरोत्तम मिश्र 15 अप्रैल 1960 को डबरा के प्रतिष्ठित मिश्र परिवार में जन्मे। उनके पिता डॉ. शिवदत्त मिश्र और माँ श्रीमती कमलादेवी मिश्र ने उन्हें उनकी रूचि के अनुरूप विद्यालयीन और महाविद्यालयीन शिक्षा दिलवाई। डॉ. नरोत्तम मिश्र को बड़े भाईयों डॉ. श्रीमन मिश्र और डॉ. आनंद मिश्र से भी बहुत स्नेह और मार्गदर्शन मिलता है। अध्ययन और अनुसंधान में रूचि होने के कारण नरोत्तम जी ने डाक्ट्रेट की उपाधि भी प्राप्त की। जीवाजी विश्वविद्यालय में छात्रसंघ सचिव और भाजयुमो में दायित्व निर्वहन के बाद वे सीधे प्रदेश भाजपा की प्रांतीय कार्यकारिणी में शामिल किए गए। वर्ष 1990 में उन्होंने पहली बार मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य होने के पश्चात निरंतर सक्रिय भूमिका का निर्वाह किया है। पाँच बार निरंतर विधानसभा सदस्य निर्वाचित होने और मंत्री के रूप में अनेक महत्वपूर्ण विभाग संभालने वाले डॉ. नरोत्तम मिश्र अपनी विशिष्ट कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। डॉ. नरोत्तम मिश्र वर्तमान में जनसंपर्क, जल संसाधन और संसदीय कार्य विभाग के मंत्री होने के साथ ही राज्य सरकार के प्रवक्ता का दायित्व वहन कर रहे हैं। गत माह पत्रकार वर्ग के हित में अनेक लाभकारी प्रावधान लागू करवाने और प्रदेश में सिंचाई क्षेत्र में निरंतर वृद्धि के उनके प्रयास प्रशंसनीय माने गए हैं। अगर यह कहा जाये कि डॉ. नरोत्तम सबको साधने की कला में माहिर हैं तो अतिशंयोक्ति नहीं होगी।
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