मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश मंत्री संजय पाठक के खिलाफ कल राजधानी में हुए कांग्रेस के उग्र प्रदर्शन को लेकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक बवाल मचा हुआ है। इस प्रदर्शन में पुलिस के हाथों घायल हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव निजी अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस के सियासी गलियारों में यह चर्चा गर्म है कि प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी जाती हुई सत्ता को बचाने के लिए सड़क का यह संग्राम किया है। सूत्रों की मानें तो कटनी और भोपाल में बीते दिवस कांग्रेस का उग्र आंदोलन पूरी तरह प्रायोजित था।
खुद अरुण यादव ने कटनी हवाला कांड में घिरे राज्य मंत्री संजय पाठक के खिलाफ उग्र आंदोलन प्रदर्शन की रणनीति तैयार की थी। इसी में भोपाल का एनएसयूआई प्रदर्शन भी शामिल था जिसके लिए सभी जगह कार्यकर्ता बुलाए गए थे। इसी रणनीति के तहत प्रदेश अध्यक्ष छात्र संगठन के प्रदर्शन में शामिल हुए। ऐसा माना जा रहा है कि प्रदर्शन को उग्र रुप देने के लिए पूरी तैयारी की गई थी ताकि यह मामला भोपाल से लेकर दिल्ली तक सुर्खियों में आ जाए।
प्रदर्शन के दौरान ही पुलिस पर पथराव किया गया, इसके बाद यह तय था कि पुलिस भी बल प्रयोग करेगी और हुआ भी यही। पुलिस के जवाबी हमले के बाद अरुण यादव सीधे अस्पताल पहुंचे और यह खबर भोपाल से लेकर दिल्ली तक गूंज गई। सियासी गलियारों में माना जा रहा है कि पिछले कुछ समय में शहडोल से लेकर नेपानगर तक चुनावों में पार्टी को मिली करारी पराजय के बाद प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव पर हाईकमान की गाज गिरना लगभग तय था और इसी के चलते नये प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कमलनाथ एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम भी सामने आ रहे थे। अब सरकार के खिलाफ यादव की इस रणनीति से उन्हें पार्टी में मजबूती मिलेगी और मुमकिन है कि कुछ समय तक संगठन में उनकी अध्यक्षीय सत्ता बरकरार रह जाए।
प्रदेश की हलचल
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