मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश के सिवनी पेंच नेशनल पार्क के बफर जोन के ग्रामीण इलाकों में 15 दिनों से आतंक मचाने वाले बाघ को 3 हाथियों की मदद से जंगलटोला खमरिया में, वनविभाग कर्मचारियों ने पकड़ा और उसके बाद नेशनल पार्क के लिए रवाना किया गया। एक पखवाड़े से लगभग 4-5 साल का नर बाघ मवेशियों का शिकार कर रहा था। पकडे गये बाघ को गुपचुप तरीके से बिना ग्रामीणों को विश्वास में लिए भेजे जाने से से गामीणों में नाराजगी है।
इसी कारण सिवनी- कटन्गी रोड पर ग्रामीणों ने खमरिया के पास जाम लगाया। जाम की खबर मिलने के बाद एसडीओपी बरघाट मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को समझाईश दी। ग्रामीणों का कहना है कि वे कैसे भरोसा करें कि बाघ को पकड़ लिया गया है विभागीय सूत्रों के अनुसार जंगल में अन्य बाघ से हुई वर्चस्व की लड़ाई के बाद वह जंगल नहीं जा रहा था। उसकी गर्दन में घाव के निशान मिले हैं।
उधर सरकारी सूत्रों के अनुसार पेंज टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने आज दक्षिण सिवनी वन मंडल के गाँव मिर्चीवाड़ी, दूल्हापुर, बापूटोला, सुकला, खमरिया, ओझाटोला आदि गाँवों में पिछले कुछ दिनों से विचरण कर रहे बाघ को आज सफलता से पकड़ लिया। रेस्क्यू के बाद बाघ को संजय टाइगर रिजर्व सीधी के लिये रवाना कर दिया गया है। बाघ विचारण क्षेत्र में वन्य-प्राणियों की कमी और विरल वन होने के कारण प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) श्री जितेन्द्र अग्रवाल ने संजय टाइगर रिजर्व भेजने के निर्देश दिये हैं।
क्षेत्र संचालक शुभ रंजन सेन ने बताया की बाघ अर्द्ध वयस्क है और अपनी टेरीटरी तलाश रहा है। इन गाँवों में वह लगातार मवेशियों का शिकार कर रहा था। वन्य-प्राणी चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा ने हाथियों की मदद से बेहोश कर पकड़ा। बाघ के शरीर पर हल्के खरोंच के निशान भी पाये गये, जिनका उपचार किया गया।
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