मल्हार मीडिया।
हम चाहते हैं कि रेल यात्रियों का सफर सुरक्षित वातावरण में हो। इसके लिए जीआरपी सहित स्थानीय पुलिस थानों का भी सहयोग हमें मिलता है। हमारा प्रयास है कि यात्रियों की कोई भी समस्या हो, तत्काल उसे सुलझा दिया जाए। यह दावा आरपीएफ के डीजी एसके भगत ने मंगलवार को डीआरएम आफिस में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में किया। उन्होंने यहां कहा कि, आरपीएफ द्वारा 4700 में से 2500 ट्रेनों पर स्क्वाडिंग की जा रही है। उनमें क्राइम का प्रतिशत शून्य है। इसलिए हमारी स्क्वाड हर हाल में श्रेष्ठ है। उन्होंने कहा कि हम गलती करने वाले कर्मचारी को जहां सजा देने से नहीं चूकते, वहीं अच्छा काम करने वालों को पुरस्कृत भी करते हैं। ऐसे कई उदाहरण हमारे सामने हैं, जहां हमारे कर्मचारियों ने यात्रियों के सामान से लेकर कैश तक लौटाया और उन्हें तत्काल पुरस्कृत भी किया गया।
स्टाफ की कमी संबंधी सवाल का जवाब देते हुए भगत ने कहा कि रेलवे में प्रोजेक्ट के हिसाब से स्टाफ पदस्थ रहता है। वर्तमान में 76 हजार स्टाफ आरपीएफ का देशभर में काम कर रहा है। टेक्नोलॉजी के दौर में स्टाफ की उतनी कमी नहीं हैं, जितनी लगती है।
पश्चिम-मध्य रेलवे के आरपीएफ डीआईजी आरके मलिक, सीनियर कमांडेंट आरएसपी सिंह की मौजूदगी में डीजी भगत ने कहा कि वर्तमान में आरपीएफ में करीब 3.3 फीसदी महिला स्टाफ है। हाल ही में निकाली गई 2020 पदों की भर्ती के बाद यह प्रतिशत बढक़र करीब 6 तक पहुंच जाएगा। इसे 10 फीसदी तक पहुंचाया जाएगा।
आरपीएफ के डीजी से जब भोपाल यात्रा के एजेंडे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कोई विशेष एजेंडे के तहत वे नहीं आते। जीआरपी के साथ अच्छा समन्वय होने का दावा करते हुए भगत ने कहा कि रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए और क्या नया किया जाए, इस पर मुख्य रूप से विचार हुआ है। इसमें सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने से लेकर नई टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग प्रमुख है।
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