ओम प्रकाश।
शुभमन गिल औसत दर्जे के क्रिकेटर हैं, उन्होंने अब तक ऐसा कुछ नहीं किया है जिस पर हम गुमान करें.
जिस अंग्रेजी वेबसाइट के संपादक ने अपने सिपाही को शुभमन गिल और कार्लोस अल्कराज का कोलार्ज बनाकर टेनिस और क्रिकेट में नई एरा की शुरुआत लिखने की इजाजत दी वह सिर्फ बेवकूफी है.
शुभमन गिल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब तक 7 शतक लगाए हैं, इनमें से 5 सेंचुरी भारत में जबकि एक बांग्लादेश और एक जिंबाब्वे में आई. सपाट पिचों पर उनके प्रदर्शन को उत्कृष्ट मान लेना उचित नहीं है.
हाल में अगर देखा जाए तो विदेशी धरती पर वह कुछ खास नहीं कर पाए. पिछले दो टेस्ट मैचों की तीन पारियों में 37 बनाए हैं.
पिछले ढाई साल में अल्कराज ने जो कुछ हासिल किया उसके आगे शुभमन कहीं नहीं ठहरते.इस दौरान उन्होंने ग्रास कोर्ट, क्ले कोर्ट और हार्ड कोर्ट पर अपने प्रतिद्वंदियों को धूल चटाई है.
अलग-अलग टेनिस कोर्ट पर खेलना अपने आप में चुनौती होती है. जैसे ग्रास कोर्ट पर गेंद कम उछाल के साथ आती है जबकि हार्ट कोर्ट पर ज्यादा उछाल लेती है.
टेनिस टेस्ट क्रिकेट नहीं है जो एक पारी में नहीं चले तो दूसरी इनिंग्स में मौका मिलेगा. टेनिस में हमेशा नॉक आउट मुकाबले होते हैं.
जहां हारे वहीं खेल खत्म. जरा सोचिए टेनिस में खिलाड़ी को शारीरिक और मानसिक तौर पर कितना फिट रहना पड़ता होगा.
क्रिकेट में चोट लगने पर फीजियो मैदान पर आकर ट्रीटमेंट करते हैं. इंजर्ड खिलाड़ी अपनी सुविधानुसार बाद में बैटिंग कर सकता है.
टेनिस में चोटिल होने पर प्लेयर सीधे टूर्नामेंट से बाहर. विपक्षी खिलाड़ी को वॉकओवर दे दिया जाता है.
अल्कराज को विंबलडन में जितनी प्राइज मनी मिली है उतने रुपये शुभमन ढाई साल में कमा पाएंगे.
विंबलडन में सिंगल्स खिताब जीतने पर उन्हें 25 करोड़ रुपये मिले हैं. शुभमन ग्रेड बी क्रिकेटर हैं.
बीसीसीआई सालाना 3 करोड़ रुपये देता है. जबकि आईपीएल टीम गुजरात टाइटंस की तरफ से शुभमन को एक सीजन के लिए 7 करोड़ मिलते हैं.
क्रिकेटर की क्रिकेटर से तुलना करना जायज है. फुटबॉलर की फुटबॉलर से तुलना करना ठीक है. टेनिस खिलाड़ी की टेनिस प्लेयर से तुलना करना उचित है. लेकिन टेनिस खिलाड़ी की क्रिकेटर से तुलना करना मूर्खता है. गधे-घोड़े में फर्क समझिए.
Comments