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कीथ वान एंडरसन: जिनकी याद में लॉर्ड्स तक रोया

स्पोर्टस            Jul 25, 2023


ओम प्रकाश।

इंग्लैंड और आयरलैंड के बीच साल 2019 में लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर जैसे ही टेस्ट शुरू हुआ तो टीवी कैमरे ओल्ड पवेलियन की उस जगह पर बार-बार फोकस कर रहे थे जहां कीथ वान एंडरसन अक्सर बैठकर मैच का लुत्फ लिया करते थे.

बड़ी-बड़ी दाढ़ी, ब्लैक चश्मा, कोट, पैंट, टाई और गोल हैट लगाने वाले पाइपमैन के नाम से मशहूर कीथ ढूढ़े न मिले.

उस स्थान पर अगर कोई मौजूद था तो उनकी याद और सम्मान में बनाई गई स्मारक बेंच. यही बेंच इंग्लैंड और आयरलैंड के बीच लॉर्ड्स पर खेले जा रहे टेस्ट मैच में कीथ वान एंडरसन का प्रतिनिधित्व कर रही थी.

उनकी गैरहाजिरी पर मेरिलबोन क्रिकेट क्लब ने दुःख प्रकट किया तो वहीं लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड की तरफ से भी शोक जताया गया.

होम ऑफ क्रिकेट की ओर से जारी ट्वीट में कहा गया, 'कीथ पाइप और बेंत के साथ एमसीसी के लोकप्रिय और परिचित व्यक्ति थे.

वह 1973 से लगातार लॉर्ड्स पर टेस्ट मैच देखने आते रहे. उनकी कमी क्लब का हर सदस्य महसूस करेगा'.

कीथ वान एंडरसन ऐसे जज्बाती क्रिकेट फैन थे जिन्होंने लॉर्ड्स पर टेस्ट मैच देखते हुए 40 वर्ष बिताए. होम ऑफ क्रिकेट कहे जाने वाले लॉर्ड्स पर जब कभी टेस्ट मैच का आयोजन होता तो कीथ दो दिन पहले आ जाते.

ओल्ड पवेलियन के पास बैठने के लिए उनकी जगह सुनिश्चित थी.

गुयाना में जन्मे कीथ 30 अक्टूबर 1964 को इंग्लैंड आ गए उस समय उनकी उम्र 13 वर्ष थी. उन्होंने लंदन को अपना ठिकाना बना लिया.

गोल हैट, बड़ी-बड़ी दाढ़ी, ब्लैक चश्मा, हाथ में वॉकिंग स्टिक, मुंह के एक कोने में स्मोकिंग पाइप दबाए लॉर्ड्स पर उनकी यही पहचान थी.

इन 40 वर्षों सिर्फ एक बार ऐसा हुआ जब वह तीन दिन लगातार टेस्ट मैच देखने लॉर्ड्स पर नहीं पहुंचे.

12 जून 2014 को क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स पर इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच टेस्ट खेला जा रहा था. तीन दिन बीत चुके थे कीथ मैदान पर नजर नहीं आए.

वह उन दिनों हॉस्पिटल में गले के कैंसर (Oesophagus Cancer) का इलाज करवा रहे थे. उनके डॉक्टर ने उन्हें बताया कि वह लॉर्ड्स पर खेले जा रहे टेस्ट मैच को नही देख पाएंगे.

इस घटना के बारे में खुद कीथ कहते हैं कि हॉस्पिटल से तीसरे दिन मैं जैसे-तैसे बाहर निकला.

अगर ऐसा न करता तो 41 साल में पहली बार ऐसा होता जब मैं लॉर्ड्स पर हो रहे टेस्ट मैच को देखने से वंचित रह जाता.

कीथ जब कभी लॉर्ड्स पर टेस्ट देखने आते तो वह साथ में घर का बना खाना भी लाया करते थे.

इसके अलावा उनके बैग में चाय से भरा थरमस, बिस्किट, सॉफ्ट ड्रिंक्स, ढेर सारी दवाइंया और बाइबिल भी होती थी.

उनका कहना था, 'पत्नी घर की देखरेख करती है और मैं खुद की देखभाल करता हूं'. कैंसर की बीमारी ने उन्हें झकझोर दिया था. जिसके चलते उन्हें स्मोकिंग छोड़नी पड़ी.

इसके बावजूद वह हमेशा अपने मुंह में स्मोकिंग पाइप लगाए मैदान पर देखे जाते.

जब दुनियाभर की टीमें क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 की तैयारी में व्यस्त थीं और इंग्लैंड पांचवीं बार क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी करने के लिए आतुर.

16 मई 2019 को कीथ वान एंडरसन ने चुपचाप इस फानी दुनिया को अलविदा कह दिया. उनकी मौत से मेरिलबोन क्रिकेट क्लब को सदमा पहुंचा.

क्लब ने ट्वीट किया, एमसीसी को ये सूचना देते हुए अत्यंत दुःख हो रहा है कि लॉर्ड्स पर अपनी पहचान बनाने वाले कीथ अब हमारे बीच नहीं रहे.

एमसीसी ने बताया, 'कीथ 1973 से लगातार लॉर्ड्स पर मैच देखने आते रहे'.

कीथ वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के सुपर फैन थे. उनकी मृत्यु पर विंडीज बोर्ड ने कहा, 'क्रिकेट वेस्टइंडीज को ये बताते हुए काफी दुःख हो रहा है कि वेस्टइंडीज टीम के सुपर फैन कीथ वान एंडरसन जो पाइनमैन के नाम से मशहूर थे नहीं रहे, वह 67 वर्ष के थे.

कीथ के चले जाने का भारी दुःख तत्कालीन वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रिकी स्केरिट को भी हुआ. उनकी मौत पर स्केरिट ने कहा, 'विश्व क्रिकेट ने अपना दोस्त और वेस्टइंडीज क्रिकेट ने अपना सबसे बड़ा सुपर फैन खो दिया है.

पाइपमैन के नाम से मशहूर कीथ उन लोगों की यादों में हमेशा बसे रहेंगे जो उन्हें जानते थे'.

गरीबी लोगों को दीवाना और दिल फेंक बना देती है.

कीथ भी बेहद गरीब थे और क्रिकेट को दिल दे बेठे. वह जानते थे कि लॉर्ड्स पर उन्हें हमेशा टिकट नहीं मिलेगा. इसलिए उन्होंने एमसीसी की सदस्यता के लिए अप्लाई कर दिया. जिसके बाद उन्हें एमीसीसी की फुल मेंबरशिप मिल गई.

वेस्टइंडीज के कई खिलाड़ियों जिनमें क्लाइव लॉयड और वायने डेनिएल जैसे क्रिकेटरों से उनके करीबी संबंध रहे.

कीथ को लंदन में शुरुआती दिनों में बहुत संघर्ष करना पड़ा. उनके पिता कारपेंटर और मां नर्स थी. उनकी देखरेख उनकी दादी करतीं जो दूसरे घरों में काम करने जाती थीं.

कीथ का कहना था, 'मेरी दादी मेरे लिए सबसे अच्छा करने की कोशिश करतीं. इसके बावजूद मुझे हफ्ते में सिर्फ एक दिन अंडा खाने को मिलता. मैनें एक हफ्ते में एक से ज्यादा अंडे कभी नहीं खाए'.

कीथ लंदन में किराए के फ्लैट में अपनी बहन के साथ रहते थे. दोनों नौकरी भी करते. लेकिन अभी उनके लिए एशो आराम की जिंदगी सपने की तरह थी.

उसी दौरान उनकी बहन किसी से प्यार कर बैठीं और प्रेग्नेंट हो गईं. कीथ नहीं चाहते थे कि वह बच्चे को जन्म दे क्योंकि, कीथ को बच्चों का शोर पसंद नहीं था इसलिए कीथ फ्लैट छोड़कर चले गए.

इसके बाद उन्होंने लंदन में ही असिस्टैंट मैनेजर की नौकरी कर ली, इसके बाद वह जनरल मैनेजर बने पैसे कमाए और विदेशों तक मैच देखने गए.

2006 में जब भारत में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हुआ तो राजसिंह डूंगरपुर ने उन्हें क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में रहने का बन्दोबस्त किया था.

क्रिकेट की दीवानगी उन पर इस तरह हावी थी कि साल 2003 में जिम्बाब्वे और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स पर टेस्ट खेला जाना था. उससे ठीक पहले कीथ का अस्पताल में ऑपरेशन होना था. उन्होंने सर्जन से खुशामद की कि उन्हें टेस्ट मैच देखने के लिए डिस्चार्ज कर दिया जाए.

इस घटना को खुद कीथ ने बयां किया. उन्होंने कहा,' मेरा ऑपरेशन टेस्ट मैच से पहले था'.

'मुझे विश्वास था कि मैं लंबे समय तक बगैर ऑपरेशन सर्वाइव नहीं कर पाऊंगा, मैं अपनी मां की कब्र के पास गया, मैंने अपनी मां से कहा मां मैं बहुत बीमार हूं, लेकिन मैं अभी तेरे पास नहीं आ सकता, मुझे लॉर्ड्स पर इंग्लैंड और जिम्बाब्वे के बीच खेले जाने वाले टेस्ट मैच का गवाही बनना है'.

कीथ के मुताबिक, 'जब मैं पहले दिन टेस्ट मैच देखने पहुंचा तो मेरे दोस्त देखकर हैरान रह गए उन्होंने कहा तुम बच गए'.

ऐसा नहीं था कि कीथ वान एंडरसन क्रिकेटरों को जानते नहीं थे और क्रिकेटर्स उनसे परिचित नहीं थे.

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलेस्टेयर कुक उनके बेहद करीबी रहे. इसके अलावा वह क्रिकेट की भी गहरी जानकारी रखते थे. कई क्रिकेटर्स उनसे बेहद प्यार करते थे.

कीथ वान एंडरसन आज भले इस आभासी दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी यादों से लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड हमेशा गुलजार रहेगा.

लॉर्ड्स के ओल्ड पवेलियन के पास उनकी याद में एक स्मृति बेंच बनाई गई थी जिस पर आयरलैंड और इंग्लैंड के बीच चार साल पहले (2019 में) खेले गए टेस्ट मैच के दौरान इंग्लिश टीम का बारहवां खिलाड़ी बैठा था.

लेखक क्रिकेट के जानकार हैं।

 



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