मल्हार मीडिया डेस्क।
ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा का नाम इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया है। चोपड़ा सोमवार 22 मई को पुरुषों के जेवलिन खेल में विश्व के नए नंबर-1 थ्रोअर बन गए हैं। वो ऐसा करने वाले भारत के पहले एथलीट बने। चोपड़ा ने महान एथलीट एंडरसन पीटर्स को पीछे छोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की।
नीरज चोपड़ा ने 2021 में टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक गोल्ड मेडल जीता था। वो एथलेटिक्स में ओलंपिक गोल्ड जीतने वाले भारत के पहले एथलीट बने थे। चोपड़ा ने तब 87.58 मीटर की दूरी पर भाला फेंका और भारतीय खेल इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया।
ओलंपिक से मिली सफलता को नीरज चोपड़ा ने अन्य प्रतिस्पर्धाओं में भी जारी रखा। ज्यूरिख में प्रतिष्ठित डायमंड लीग में नीरज चोपड़ा ने 89.63 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर गोल्ड मेडल जीता था। इसके बाद से जेवलिन स्पर्धा में नीरज चोपड़ा का नाम मजबूती से बढ़ता गया।
चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग में 88.67 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर स्पर्धा जीती थी। इस प्रदर्शन की बदौलत चोपड़ा को रैंकिंग में नंबर-1 स्थान मिला। इसी स्पर्धा में ओलंपिक्स के सिल्वर मेडलिस्ट जाकूब वादलेच दूसरे स्थान पर थे। उन्होंने 88.63 मीटर की दूरी पर भाला फेंका था। विश्व चैंपियन एंडरसन पीटर्स 85.88 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर तीसरे स्थान पर रहे।
नीरज चोपड़ा ने स्पर्धा जीतने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा था कि उनका लक्ष्य पेरिस ओलंपिक्स में इसी निरंतरता को बरकरार रखना है, जो कि 2024 में होगा। चोपड़ा ने कहा, ''यह बहुत कड़ी जीत थी, लेकिन मैं खुश हूं। यह मेरे लिए अच्छी शुरुआत है। मुझे उम्मीद है कि अगली स्पर्धाओं में नंबर-1 रहूंगा और इस सीजन में निरंतर बेहतर प्रदर्शन करूंगा।''
नीरज चोपड़ा ने अपनी बातचीत में आगे कहा था, ''मुझे बहुत अच्छा लगा। सभी एथलीट्स के लिए चुनौती बड़ी थी, लेकिन मैं अपने नतीजे से संतुष्ट हूं। यह अच्छी शुरुआत रही और यहां का माहौल बढ़िया था। कई लोग मेरा समर्थन करने आए और वो बहुत खुश हुए।''
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