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रिकॉर्ड्स का बोझ व्यक्तिगत अच्छा होता है

स्पोर्टस            Oct 05, 2023


ओम प्रकाश।

रिकॉर्ड्स का बोझ व्यक्तिगत अच्छा होता है. लेकिन विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में टीम की जरूरत के मुताबिक परफॉर्म करना कहीं ज्यादा मायने रखता है.

केन विलियमसन, टिम साउदी और ट्रेंट बोल्ट को छोड़ दिया जाए तो कीवी टीम में ज्यादा अनुभव नहीं है.

आज का मुकाबला विलियमसन और साउदी नहीं खेले. इसके बावजूद डेवोन कॉन्वे और रचिन रवींद्र ने उनकी कमी नहीं खलने दी.

इन दोनों ने इंग्लैंड की बॉलिंग के साथ खिलवाड़ करते हुए ऐसी बैटिंग की जैसे अभ्यास मैच खेल रहे हों.

इंग्लिश टीम का बॉलिंग अटैक दुनिया का सबसे बेहतरीन आक्रमण है. पूरी इंग्लैंड की बॉलिंग यूनिट इन कीवी बल्लेबाजों के आगे पानी भरते नजर आई. विश्व कप में ऐसी एकतरफा जीत बहुत कम देखने को मिली है.

न्यूजीलैंड ने जब पहले फील्डिंग करने का निर्णय लिया तो कई क्रिकेट पंडितों को अटपटा लगा. इन विशेषज्ञों का मानना था कि अंडर लाइट न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को बैटिंग करने में दिक्कत होगी लेकिन कीवी बैटरों ने उन्हें गलत साबित कर दिया.

इंग्लैंड के विरुद्ध रचिन और कान्वे ने उस अंदाज में बैटिंग की जैसे वे 14 जुलाई 2019 की टीस निकाल रहे हों.

पहले मैच में शतकीय पारियां खेलने का मतलब दोनों खिलाड़ियों समेत टीम का हौसला बढ़ेगा. अब आगामी मैचों में कीवी टीम चढ़कर खेलेगी.

न्यूजीलैंड ने इस धमाकेदार जीत के बाद विश्व कप में अपना कद और बड़ा कर लिया है. डिफेंडिंग चैंपियन को हराने के बाद टीम का रुतबा वैसे ही बढ़ जाता है.

न्यूजीलैंड की टीम विश्व कप में कहां तक जाएगी इसकी भविष्यवाणी करना मुश्किल है? लेकिन क्रिकेट के जानकार उसे अंतिम चार का दावेदार नहीं मानते.

जो टीम 8 विश्व कप सेमीफाइनल खेल चुकी हो उसको अंडररेट आंकना अच्छा नहीं है. कीवियों ने अपने घर से लेकर विदेशी सरजमीं पर लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है.

मुझे लगता है इस बार भी कई स्पोर्ट्स एडिटर टाइप के लोगों के अलावा क्रिकेट की भविष्यवाणी करने वालों को जोरदार झटका लगेगा.

विश्व कप उद्घघाटन मुकाबले में शानदार और यादगार शतकीय पारियां खेलने वाले डोवोन कॉन्वे और रचिन रवींद्र को बधाई. वेल डन न्यूजीलैंड. आगे के सफर के लिए शुभकामनाएं.

 

 

 



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