इंसानियत बची भी है कि नहीं? महिला के शव की हड्डियां तोड़कर पहुंचाया स्टेशन

वामा            Aug 26, 2016


मल्हार मीडिया ब्यूरो। ओड़िसा में हो रही इन घटनाओं के सामने आने के बाद इंसानियत शर्मसार हो रही है संवेदनायें मर गईं जैसे शब्द छोटे लगने लगे हैं। अब सवाल सिर्फ यही है कि इंसानों में इंसानियत रही है भी कि नहीं? ओड़िसा का कालाहांडी 'कुख्यात' रहा है। गरीबी और भुखमरी के लिए। कालाहांडी के बारे में इतनी बार सुना, बोला, लिखा गया कि सिस्टम ने इसे सुनना-समझना ही बंद कर दिया। फिर से एक बार 2 दिनों के भीतर ओडिशा से ऐसी 2 तस्वीरें सामने आई हैं कि सिस्टम के साथ-साथ इंसानियत का सिर भी शर्म से झुक गया। पहले जब कालाहांडी के गरीब आदिवासी दाना मांझी ने अपने कंधे पर पत्नी की लाश को ढोया, तो 'इंसानियत-जम्हूरियत का जनाजा' निकलने जैसे मुहावरे सोशल मीडिया पर चले। अब एक 76 साल की विधवा की लाश को ढोने के लिए जब उसका कूल्हा तोड़ा गया, तब उस तस्वीर और विडियो को देख हम क्या कहेंगे नहीं पता। राज्‍य के बालासोर में अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिलने के बाद महिला के मृत शरीर की हड्डियां तोड़ उसकी गठरी बनाकर बांस के डंडे और मजदूरों के जरिये उसे ढोकर स्टेशन तक पहुंचाया गया।” 80 वर्षीय सलमानी बेहरा की बालासोर सोरो रेलवे स्टेशन के पास मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई थी। शव को नजदीक के हेल्‍थ सेंटर ले जाया गया। रेलवे पुलिस इस दुर्घटना की सूचना मिलनेे के काफी बाद सेंटर पहुंची। रेलवे पुलिस के मुताबिक शरीर को पोस्टमार्टम के लिए बालासोर जिला अस्पताल ले जाना था लेकिन हेल्‍थ सेंटर में एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी। कोई भी ऑटो वाला लाश को रेलवे स्टेशन तक ले जाने के लिए तैयार नहीं था ताकि बॉडी को रेल से बालासोर पहुंचाया जा सके। और जो तैयार थे वो करीब साढ़े तीन हजार तक की रकम मांग रहे थे। पुलिस को इस काम के लिए 1000 रुपए खर्च करने का आदेश है। photo-orisa-2 इसके बाद पुलिस ने कुछ मजदूरों को लाश को ढो कर ले जाने के लिए कहा। मजदूर इस लाश को एक बांस के डंडे में बांध कर ले जाना चाह रहे थे लेकिन मृत शरीर तब तक अकड़ गया था और इसमें काफी दिक्कतें आ रहीं थीं। ऐसे में मजदूरों ने उसकी हड्डियां तोड़कर उसकी गठरी बनाई और फिर उसे बांस से बांधकर स्टेशन पहुंचाया। सलमानी के बेटे के मुताबिक उन्हें अपनी मां की लाश की ये हालत देखकर दुख हुआ है। वह जल्द ही रेलवे पुलिस के खिलाफ केस दर्ज कराने वाले हैं। ओडिशा मानव अधिकार आयोग के चेयरपर्सन बीके मिश्रा ने इस मलसे पर स्‍वत संज्ञान लेेते हुए रेलवे पुलिस और बालासोर के जिला कलेक्टर को नोटिस भेजकर जांच रिपोर्ट चार सप्‍ताह में भेजने के लिए कहा है।


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