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कॉमेडी में कास्टिंग काउच:जब आप अपनी बहन से ऐसे "फ़्री" नहीं होते तो मुझसे क्यों?

वामा            Jun 06, 2015


मल्हार मीडिया डेस्क स्टेंड अप कॉमेडी की दुनिया में पुरूषों का वर्चस्व रहा है,जो महिला कॉमेडियन आई भी हैं तो वे भी पुरूष् कॉमेडियन के निशाने पर रहने और अपनी ही हंसी उडवाने के कारण याद रहती हैं। आमतौर पर किसी भी कॉमेडी शो मे महिलाओं का मजाक बनाना शान जैसी समझी जाती है। कोई भी कॉमेडियन यदि किसी पॉलीटिशियन या बडी हस्ती को टारगेट करेगा तो पहले माफी मांग लेगा मगर महिलाओं के मामले में ऐसा कभी नहीं किया जाता। ऐसा लगता है महिलाओं का मजाक बनाना इनका जन्मसिद्ध अधिकार है। लेकिन नीता पाल्टा अब इसका अपवाद बनकर सामने आई हैं। अब पुरूषों को सावधान होने की जरूरत है। भारत की जानी मानी महिला स्टैंड अप आर्टिस्ट में से एक नीति पाल्टा का मानना है कि कुछ लोग तो चाहेंगे कि कॉमेडी में भी कास्टिंग काउच हो। कुछ ऐसी ही गंभीर बातें स्टेज पर हँसी मज़ाक में कह जाती हैं नीति। दिल्ली की नीति पाल्टा बताती हैं कि कैसे जब एक फ़ीमेल स्टैंड अप आर्टिस्ट स्टेज पर चढ़ती है तो वो इन तीन बातों को ध्यान में रखती है। नीति बताती हैं, "मैं जोक मार के सीधा घर निकल जाती हूं।कभी-कभी लोग यह भूल जाते हैं कि यह मेरी रोज़ी रोटी है। दो तीन पैग के बाद कुछ आदमी ये सोचते हैं कि लड़की "फ़्री" है क्योंकि बड़े जोक्स मारती है।" नीति कहती हैं, "जनाब जब आप अपनी बहन से ऐसे "फ़्री" नहीं होते तो मुझ से क्यों? कुछ तो कह जाते हैं कि मैं तुम्हें कॉमेडी के बड़े शोज़ दूंगा। वो तो चाहेंगे कि कॉमेडी में भी कॅस्टिंग काउच हो।" वो हंसते हुए कहती हैं, "आजकल एक कॉमेडियन की क्या औकात है? उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज हो रही है। अगर वो जेल जाएगा तो उसके आस-पास जो कैदी होंगे वो कहेंगे कि भाई मैंने एक आदमी को मारा, तू यहां कैसे?कॉमेडियन कहेगा, "मैंने एक जोक मारा इसलिए यहां हूं।" नीति बताती हैं कि,"पहले तो मुझे ऑडियन्स को एहसास दिलाना पड़ता है कि देखो औरत भी तुम पर जोक मार सकती है। कई पुरुष वक़्त लेते हैं क्योंकि उन्होंने कभी किसी महिला को उन पर जोक मारते नहीं सुना।" नीति लोगों के नज़रिए पर कहती हैं, "लड़के कहते हैं कि लड़की की फ़िगर 32-24-36 हो। उसकी चाल ऐसी हो, कमर ऐसी हो। गोल हो । मैं पूछती हूं कि आप लड़की मांग रहे हो या सैंडविच।” वो बताती हैं, "कभी-कभी पब्लिक जोक पर नहीं हंसती और गला सूख जाता हैं। लेकिन फिर मुझे समझाना होता है अपने आप को कि यह एक काम है। हर शो के साथ एक नया मौका मिलता है। नीति कहती हैं कि हंसी मज़ाक के साथ भी समाज के गंभीर मुद्दों को लोगों तक पहुंचाया जा सकता है। ग्लोबल वार्मिंग एक गंभीर मुद्दा है लेकिन नीति का एक जोक इस पर फिट बैठता है, "हम भारत के लोग बड़े आशावादी हैं। उनको बताओ कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से बर्फ़ पिघल रही है दुनिया में, वो कहेंगे, वाह! यानी अब अपने पैग के लिए बर्फ़ ही बर्फ़।


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