Breaking News

गर्ल्स स्कूलों में नहीं होंगे मेल टीचर,प्रिंसीपल:हाईकोर्ट

वामा            May 15, 2015


मल्हार मीडिया ब्यूरो इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि लड़कियों के स्कूल में मेल टीचर प्रिंसिपल पद पर तैनात नहीं हो सकेंगे। कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को यह अधिकार है कि वह नियम बनाकर इस प्रकार का प्रतिबंध लगा सके। बोर्ड ने नियम बनाकर लड़कियों के स्कूल में मेल टीचर को बतौर प्रिंसिपल नियुक्त न करने का निर्णय लिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला डी.पी.गर्ल्स इंटर कॉलेज के सीनियर लेक्चरर मनमोहन मिश्रा की विशेष अपील को खारिज करते हुए दिया है। अपील करने वाले टीचर मनमोहन मिश्रा ने बोर्ड की ओर से निकाले गए विज्ञापन के आधार पर अपने ही कॉलेज में प्रिंसिपल पद के लिए आवेदन किया था। बोर्ड ने इस पद पर चयन के लिए दो सीनियर मोस्ट लेक्चरर की सूची और उनका रिकार्ड मांगा था। इस गर्ल्स कॉलेज की सीनियर लेक्चरर रिटायरमेंट की उम्र के बाद सत्र लाभ पर चल रही थीं। जबकि याची दूसरे नंबर के सीनियर मोस्ट लेक्चरर थे। मैनजमेंट ने याची का नाम रिकार्ड के साथ सीनियर मोस्ट लेक्चरर बताते हुए बोर्ड को भेज दिया। लेकिन बोर्ड ने याची का प्रिंसिपल पद पर नियुक्ति का आवेदन यह कहकर खारिज कर दिया कि मेल टीचर को गर्ल्स कॉलेज में प्रिंसिपल पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता। बोर्ड का कहना था कि इस प्रकार का प्रावधान बोर्ड की नियमावली 1998 के नियम 9 में उल्लिखित है। बोर्ड के निर्णय के खिलाफ याची अध्यापक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और कहा कि बोर्ड का फैसला गलत है। अध्यापक की इस याचिका को एकल जज ने यह कहते हुए खाारिज कर दिया था कि, बोर्ड का आदेश सही है। एकल जज के इस आदेश को दो जजों चीफ जस्टिस डी.वाई.चन्द्रचुड और जस्टिस एम.के.गुप्ता की कोर्ट में चुनौती दी गई। दो जजों की बेंच ने भी सिंगल जज के फैसले को सही ठहराते हुए बोर्ड की नियमावली को सही करार दिया।


इस खबर को शेयर करें


Comments