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तीन घंटे तक नहीं पहुंची 102, रास्ते में ठेले पर हुआ बच्चे को जन्म

वामा            Sep 21, 2015


फैजाबाद से कुंवर समीर शाही उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ मंत्री अहमद हसन पूरे प्रदेश के बेहतर स्वास्थ सेवा के चाहे जितने दावे कर लें लेकिन उनके खुद के गृह जनपद अम्बेडकरनगर की बदहाल स्वास्थ व्यवस्था खुद ही उनके दावों की पोल खोलती नजर आ रही है। जहां फिर एक बार जननी सुरक्षा योजना तार—तार होती दिखी। प्रसव कार्य एवं प्रसूताओं की देख—रेख के लिए आशा बहुओं, एएनएम, स्वास्थ्य निरीक्षिका की तैनाती ग्रामीण अंचलों में भले ही की गयी है लेकिन वह प्रसव पीड़िताओं के प्रति कतई संवेदनशील नहीं है। ऐसा ही एक मामला अम्बेडकरनगर जिला मुख्यालय पर उस समय सामने आया जब प्रसव के लिए ठेले पर जिला चिकित्सालय लायी जा रही महिला ने अकबरपुर आजमगढ़ मार्ग पर बजरंग पेट्रोल पम्प के निकट नवजात शिशु को जन्म दे दिया। आनन—फानन में बच्चे को एक स्थानीय चिकित्सक के यहां भर्ती कराया गया है, जहां बच्चे की स्थित सामान्य बतायी जा रही है, वहीं प्रसूता की हालत गंभीर बतायी जा रही है। परिजनों ने उसे एक निजी चिकित्सालय में भर्ती करवाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बरियावन के निकट स्थलवा गांव निवासी गुडिया पत्नी पिन्टू को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर परिजनों ने लगभग 12 बजे 102 नम्बर एम्बुलेंस सेवा को फोन करना शुरू किया। पिन्टू ने बताया कि लगभग तीन घण्टे तक इंतजार करने के बाद भी जब एम्बुलेंस नहीं पहुंची तो वे सब गुडिया को ठेले पर लाद कर जिला चिकित्सालय ले कर जाने लगे। जिला मुख्यालय पहुंचने के पूर्व ही गुडिया ने ठेले पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। इससे परिवार के लोगों में अफरा तफरी मच गयी। नवजात शिशु को एक स्थानीय चिकित्सक के यहां भर्ती करवाया गया तथा महिला को एक दलाल ने एक निजी चिकित्सालय पहुंचा दिया। इस सम्बन्ध में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० बीपी सिंह से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय में कोई महिला चिकित्सक नहीं हैं अगर पीडित परिवार फैजाबाद स्थित जाना चाहे तो वे एम्बुलेंस उपलब्ध करा सकते है। सीएमओ की बात से साफ है कि वे स्वयं ऐसे गंभीर मामले पर संवेदनाील नहीं है। ऐसे में प्रसव पीडिताओं की समस्या आने वाले दिनों में हल हो पायेगी इसकी संभावना कम ही है।


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