निर्भया केस का नाबालिग आरोपी जेल से छूटने के बाद भी नहीं होगा रिहा

वामा            Dec 03, 2015


मल्हार मीडिया ब्यूरो दिल्‍ली के वसंत विहार में 16 दिसंबर 2012 को हुए 'निर्भया कांड' के नाबालिग आरोपी की सजा अब पूरी होनीवाली है और उसे 22 दिसंबर को रिहा होना है लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि उसे किसी एनजीओ की निगरानी में रखा जाये और उसे उचित शिक्षा दी जाये। 21 वर्षीय इस आरोपी को अब एक साल के लिए एक एनजीओ की निगरानी में रखा जायेगा। ज्ञातव्य है कि 'निर्भया कांड' में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें से एक ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी। 4 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है और एक आरोपी नाबालिग होने के कारण सजा से बच गया था और उसे सुधारगृह भेज दिया गया था। अपराध के समय वह नाबालिग था इसलिये उसे 3 साल के लिए सुधारगृह भेज दिया गया था। लेकिन अपराध की जघन्‍यता को देखते हुए नाबालिग को सजा नहीं दिये जाने का कई लोगों ने जमकर विरोध भी किया था। ऐसी मांगें भी उठने लगी थी कि गंभीर आरोपों में लिप्‍त नाबालिगों को सजा दिलवाने के लिए कानून में बदलाव किये जाने चाहिए। निर्भया कांड की पीड़िता के परिजनों ने भी दोषी की कम सजा और जल्द रिहाई पर हैरत जताई थी। उन्होंने उसे अधिक से अधिक सजा दिए जाने की मांग की थी। पिछले महीने केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने सजा पूरा हो जाने के बाद भी निर्भया कांड के इस दोषी पर 'कड़ी नजर' रखे जाने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि उसका रिहा कर सीधे समाज के बीच जाना उचित नहीं लगता। गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक 23 वर्षीय मेडिकल छात्रा के साथ चलती बस में बेरहमी के साथ 6 युवकों ने बलात्कार किया था, उनमें इस माह रिहा होने वाला नाबालिग किशोर भी शामिल था, जिसे तीन साल के लिए सुधार केंद्र में रखे जाने की सजा सुनाई गई थी।


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