मृत प्रशासनिक संवेदनाओं से बुंदेलखंड में बिलखते परिवार

वामा            Dec 20, 2016


धीरज चतुर्वेदी।
बुदेलखंड में पिछले दो रोज में तीन घटनाओं ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। सागर जिले के ग्राम ओरिया में विधवा महिला अपना हक पाने के लिये संघर्ष करती हुई मौंत के घाट उतार दी जाती है। तो छतरपुर जिले के कस्बा घुवारा में छेडखानी से तंग दसवी कक्षा की छात्रा ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह की कोशिश की। तीसरी घटना किसान से जुडी है जिसे विद्युत कर्मचारियो ने कुर्की की धमकी दी तो उसकी सदमे से मौंत हो गई। यह तीनों घटनाये दर्शाती हैं कि प्रशसानिक मृत संवेदनाये मौत का कारण बन रही है।

सागर जिले के जैसीनगर थाना के ग्राम ओरिया की विधवा शारदा ठाकुर की हत्या कर दी गई। यह वो महिला थी जो पिछले दो वर्षो से अपने हक के लिये अपने परिवार से ही जूझ रही थी। पति भगतसिंह की खेत पर कंरट लगने से मौत के बाद से ही ससुराल के अन्य सदस्यो की शारदा ठाकुर प्रताडना का शिकार होती रही। वह भी इस प्रताडना के खिलाफ जंग छेडे रही। ग्राम ओरिया की खेती जमीन का बटवारा तो हो गया था लेकिन सम्मलित कुंए से शारदा ठाकुर खेत को सिंचित नही कर पा रही थी। महिला के जेठ दरयाबसिंह की दंबगाई से ऐसा हो रहा था। इसमें पटवारी की भूमिका अहम थी जिसने शारदा ठाकुर की असिचिंत जमीन को सरकारी दस्तावेजो में सिचित बता रखा था। सिचाई के लिये पानी का हक पाने के लिये शारदा ठाकुर ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के यहां दर्जनों शिकायतें की।

यहां तक की वो सागर मुख्यालय पर तीन बार अपने मासूम दो बच्चों के साथ धरने पर भी बैठी। एसडीएम कोर्ट में लंबी कानूनी लडाई के बाद उसके पक्ष में फैसला हुआ। जिसमें सम्मलित कुयें से पानी लेने का उसे हक प्राप्त हुआ। सोमवार 19 दिसबंर को शारदा ठाकुर अपने खेत पर कुयंे से सिचाई करने गई थी तभी उसके जेठ और जेठानी ने उसे पीटपीटकर मार दिया। पुलिस ने जेठ दरयाबसिंह और पत्नी निशा पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। हक पाने के लिये अंततः संघर्ष करती हुई शारदा ठाकुर की हत्या का मामला कई सवाल छोड़ता है।

दूसरी घटना और भी रोगटे खडे कर देने वाली है। छतरपुर जिले के घुवारा में मनचलो युवको की छेडखानी से तंग आकर 10 वी कक्षा की छात्रा ने खुद को आग के हवाले कर दिया। बालगोटी सोनी की इस पुत्री को टीकमगढ़ के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से उसे ग्वालियर रैफर किया गया है। टीकमगढ अस्पताल में 80 प्रतिशत जली इस बालिका के मरणासन्न कथन प्रशासनिक अधिकारियो ने दर्ज किये। प्राप्त जानकारी के अनुसार बालिका ने तीन युवकों के नाम दर्ज कराये हैं।

बताया गया है कि घुवारा के कन्या स्कूल में पढने वाली इस छात्रा के साथ कई महीनो से छेडखानी की जा रही थी। जिसकी शिकायत परिजनो ने घुवारा में पुलिस के समक्ष भी की। शिकायतो पर सुनवाई ना होने से अंततः छात्रा ने मौंत को गले लगाना ही उचित समझा। उसने स्कूल से घर पंहुचते ही 19 दिसंबर को स्वयं को आग के हवाले कर दिया। तीसरा मामला भी प्रशासनिक तंत्र की मानवीय असंवेदनाओ से जुडा है। छतरपुर जिले के ग्राम बंधा में किसान रामदास लोधी की मृत्यु हो गई। गावं वालो के अनुसार विद्युत मंडल घुवारा के दस्तावेजो में रामदास लोधी के खेत में विद्युत कनेक्शन दर्ज था। जिसका विद्युत बिल हजारो रूपये में हो गया। रविवार 18 दिसंबर को विद्युत कर्मचारी ग्राम बंधा में रामदास लोधी के घर पंहुचे। जहां उन्होने विद्युत बिल की राशि जमा करने पर खेती की जमीन कुर्की करने की धमकी दी। परिजनो के मुताबिक इस धमकी के बाद से ही रामदास सदमें में था और उसने खाना तक नही खाया था। रात्रि में सदमें से उसकी मृत्यु हो गई। यह तीनो मामले प्रशासनिक तंत्र से जुडे हैं। कहीं ना कहीं न्याय ना दिला पाने की असंवेदनाये जुडी है जो ना मिलने पर या तो हत्या हो जाती है या फिर अकाल मौंत कारण बनकर सामने आता है।

 



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