मल्हार मीडिया डेस्क
युवा आईएएस अधिकारी का फेसबुक पर डाला गया एक पोस्ट खासा वायरल हो रखा है और 48 घंटों के अंदर ही इसे सैकड़ों लोगों ने शेयर किया है।
'अश्लील संदेश' भेजने को लेकर राज्य के मानवाधिकार आयोग के अधिकारी के खिलाफ पिछले हफ्ते यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने वाली आईएएस अधिकारी रिजू बाफना कहती है, 'मैं बस यही दुआ कर सकती हूं कि इस देश में कोई महिला ना जन्में।'
हालांकि इसके साथ ही वह बताती हैं कि पुलिस में शिकायत करने के बाद उस अधिकारी को तुंरत उसके पद से हटा दिया गया, लेकिन यह कोई संतोषजनक अंत नहीं है।
अपनी इस प्रार्थना की वजह बताते हुए वह अपनी पोस्ट में बताती हैं कि जब अपना बयान दर्ज कराने वह अदालत पहुंची, तो कक्ष में एक वकील भी मौजूद थी। वह कहती हैं, 'इतने लोगों के सामने बयान देने को लेकर मैं असहज महसूस कर रही थी, इसलिए मैंने उस वकील और दूसरे लोगों को वहां से जाने की गुजारिश की।' वह बताती है कि इसके बाद उसके वकील ने कथित रूप से चिल्लाते हुए उन्हें कहा, 'आप अपने दफ्तर में अधिकारी होंगी, अदालत में नहीं।'
'मैं केवल यही दुआ कर सकती हूं कि इस देश में कोई महिला जन्म न ले।' ऐसा यंग आईएएस ऑफिसर रिजु बाफ्ना का कहना है। बाफ्ना ने यह बात फेसबुक पर कही थी। चंद घंटों में ही बाफ्ना की पोस्ट वायरल हो गई। यौन उत्पीड़न से लड़ने के दौरान मिले अनुभव के आधार पर बाफ्ना ने कहा, 'यहां हर शाख पर उल्लू बैठा है।' बाफ्ना ट्रेनी ब्यूरोक्रेट हैं। इनकी पोस्टिंग मध्य प्रदेश के सिवनी में है। हालांकि बाद में नई पोस्ट के जरिए बाफ्ना ने अपनी पहली पोस्ट के लिए खेद जताया है। बाफ्ना ने कहा, 'पहली पोस्ट मैंने आवेगवश लिख दी थी। हम किसी व्यक्ति के लिए पूरे देश को ब्लेम नहीं कर सकते। मुझे देश पर भरोसा है।'
'अश्लील संदेश' भेजने को लेकर राज्य के मानवाधिकार आयोग के अधिकारी के खिलाफ पिछले हफ्ते यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने वाली आईएएस अधिकारी रिजू बाफ्ना बेहद दुखी थीं। बाफ्ना ने अपनी पोस्ट में कहा था कि उन्होंने मानवाधिकार आयोग के आयोगमित्र संतोष चौबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। चौबे ने बाफ्ना को अश्लील मेसेज भेजे थे। हालांकि डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर भारत यादव ने चौबे पर तत्काल ऐक्शन लिया और उसे पद से हटा दिया।
अपनी दुख की वजह बताते हुए बाफ्ना ने कहा, 'जब अपना बयान दर्ज कराने मैं अदालत पहुंची तो कक्ष में एक वकील भी मौजूद थी। इतने लोगों के सामने बयान देने को लेकर मैं असहज महसूस कर रही थी, इसलिए मैंने उस वकील और दूसरे लोगों को वहां से जाने की गुजारिश की।' इसके बाद वकील ने चिल्लाते हुए उन्हें कहा, 'आप अपने ऑफिस में ऑफिसर होंगी, अदालत में नहीं।'
बाफ्ना कहा, 'मैंने अपनी चिंता से जज को भी अवगत कराया। जब मैंने न्यायिक मैजिस्ट्रेट से कहा कि उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि यौन उत्पीड़न के मामले में जब कोई महिला अपना बयान दे रही हो तो वहां दूसरे लोग मौजूद ना हों। इस पर जज ने कहा कि आप युवा हैं और इसी वजह से ऐसी मांग कर रही हैं।'
इससे आहत बाफ्ना ने कहा कि यह देश महिलाओं की दुर्दशा को लेकर 'असंवेदनशील' बना रहेगा। 'मैं बस यही दुआ कर सकती हूं कि इस देश में कोई महिला ना जन्में। यहां हर कदम पर उल्लू बैठे हैं...' बाफ्ना दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से ग्रैजुएट हैं। इनकी शादी एक साथी आईएएस ऑफिसर से हुई है।
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