Breaking News

शिक्षकों की कमी का विरोध किया तो छात्राओं पर हुआ लाठीचार्ज FIR दर्ज

वामा            Oct 01, 2015


मल्हार मीडिया डेस्क शिक्षकों की कमी का विरोध करना राजस्थान के स्थानीय प्रशासन को इतना नागवार गुजरा कि छात्राओं पर लाठीचार्ज कर दिया गया और करीब 150 छात्राओं सहित 300 लोगों के खिलाफ एफआईआर फाईल कर दी गई। आ रही खबरों के अनुसार राजस्थान के टोंक जिले के चोरु गाँव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली छात्राएं शिक्षकों की कमी को लेकर प्रदर्शन कर रही थीं। बीबीसी की खबर के अनुसार अलीगढ़ थाने के हेड कांस्टेबल सूरजमल ने बताया कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, पुलिस से मारपीट और जाम लगाकर यातायात बाधित करने के जुर्म में इन लोगों पर यह मामला दर्ज किया गया है। सामाजिक संगठन छात्राओं पर लाठी चार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। उधर प्रदर्शन कर रही छात्राओं को बातचीत का मौका दिए बिना लाठीचार्ज का आदेश देने के लिए पहली नजर में ज़िम्मेदार मानते हुए अलीगढ़ के थानाधिकारी अमर सिंह को निलंबित कर दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कासिमपुरा में शिक्षकों की कमी को लेकर छात्राओं ने चोरु गाँव से निकल रहे राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 116 पर मंगलवार को जाम लगा दिया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार सूचना मिलने पर अलीगढ़ थाना अधिकारी ने छात्राओं को समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं मानीं। पुलिस की मानें तो छात्राओं ने अन्य छात्रों और ग्रामीणों के साथ पुलिस पर पथराव किया। इस दौरान हुए विवाद में करीब 12 छात्रों को चोट आई और थाना अधिकारी समेत तीन अन्य पुलिस कर्मी भी घायल हो गए। चोरु निवासी गिरिराज मीणा की 9वीं और 10वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्राएं भी इस विवाद में घायल हुईं। वे बताते हैं कि जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर इस उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों के खाली पदों की वजह से विद्यार्थी सत्र की शुरुआत से ही परेशान हैं क्योंकि अंग्रेजी, गणित, भूगोल जैसे विषयों के शिक्षकों के पद ख़ाली पड़े हैं। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष माया सुवालका ने बुधवार शाम को टोंक जिला अस्पताल में भर्ती छात्राओं का हाल जाना और अस्पताल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। भारत ज्ञान विज्ञान समिति की कोमल श्रीवास्तव का कहना है कि शिक्षा से जुड़े संगठन अध्यापकों के खाली पदों को भरने के लिए काफ़ी समय से मांग कर रहे हैं लेकिन 'विषय अध्यापकों' की भारी कमी है। सरकार का ध्यान पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप पर ज़्यादा है साभार बीबीसी ।


इस खबर को शेयर करें


Comments