साम्प्रदायिक उव्देलन के बीच सद्भाव की ठंडी बयार सुगरा बी

वामा, वीथिका            Oct 14, 2015


krishna-kant-agnihotriकृष्णकान्त अग्नहोत्री जब दादरी जैसी घटनायें पूरे देश को उव्देलित किये हुये हों तो ऐसे में ये खबरें साम्प्रदायिक सद्भाव की ठंडी बयार बनकर आती हैं और हमें अहसास करती हैं कि नहीं भारत में अभी इतना सबकुछ नहीं बिगड़ा है। बहुत कुछ ऐसा है जो कभी बहुत बुरा इस देश में नहीं होने देगा और यही इस देश की खूबसूरती है। जी हॉं खबर है मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले से जहां देवी उपासना पर्व नवरात्रि में इंदिरा नगर निवासी 45 साल की एक मुस्लिम महिला दुर्गा उपासना में डूबी हुई है, जिससे हिन्‍दू समुदाय आश्‍चर्यचकित है। इतना ही नहीं मजदूरी करे के बावजूद इन्होंने मंदिर में दान राशि भी दी है। एक स्‍थानीय व्‍यक्ति भूरेलाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अपने बेशकीमती दान के अंश से तीन साल पहले बनवाए गए शीतला माता मंदिर में सुगरा बी नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन आती है और वह देवी दुर्गा की मूर्ति की घंटो उपासना करने के साथ ही भक्ति में डूबी रहती है। उन्‍होंने कहा कि कई बार जब सुगरा बी देवी अराधना में पूरी तरह तल्‍लीन हो जाती हैं, तो उन पर देवी आ जाती हैं और वह झूमने लगती हैं। इसके साथ ही वह अष्‍टमी के दिन व्रत भी रखती हैं। शीतला माता मंदिर समिति अध्‍यक्ष भरत ने कहा कि देवी दुर्गा के प्रति सुगरा बी का आध्‍यात्मिक अनुराग असाधारण है। उधर, सुगरा बी, जो मजदूरी कर चार हजार रूपये महीना कमाती हैं, ने बताया कि ''मैं देवी दुर्गा की आराधना पिछले दस से पन्‍द्रह सालों से कर रही हूं। शुरूआत में तो मैं अपन मोहल्‍ले में नवरात्रि के दौरान एक पंडाल में दुर्गा प्रतिमा रखकर उनकी पूजा किया करती थी, लेकिन एक रात दुर्गा माता ने सपने में आकर उससे कहा कि मुझे अपना एक मंदिर बनाने का आदेश दिया। तीन बच्‍चों की मां सुगरा बी ने कहा कि इसके बाद उसने लोगों से इलाके में देवी दुर्गा का एक मंदिर बनाने के लिए मदद का आग्रह किया, जिस पर कुछ लोग आगे आए और मंदिर निर्माण के लिए उन्‍होने एक समिति का गठन कर दिया। सुगरा बी के पति इस्‍माइल खान वैल्डिंग का काम करते हैं। उन्‍होने कहा, ''मैंने मेहतन-मशक्‍कत कर मंदिर निर्माण के लिए 27 हजार रूपये की राशि खुद जमा की और क्षेत्रीय विधायक ने एक लाख रूपये का दान दिया। इसके बाद तीन साल पहले मंदिर निर्माण हुआ और उसमें देवी दुर्गा की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्‍ठा की गई''। लेखक पीटीआई में वरिष्ठ विशेष संवाददाता हैं।


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