श्रीकांत सक्सेना।
आजकल नोएडा की ओमैक्स सोसायटी के दबंग गुंडे श्रीकांत त्यागी की दबंगई की ख़बरें हर चैनल पर दिखाई जा रही हैं।
सोसायटी के लोग लंबे समय तक ख़ामोशी से उसकी गुंडागर्दी को सहन करते रहे।यह व्यक्ति न सिर्फ खुलेआम गाली गलौज करता रहा, सिक्योरिटी गार्ड पर हाथ उठाता रहा।
सोसायटी के नियमों के विरुद्ध अतिक्रमण करके मनमाने निर्माण करता रहा।
लोग नाराज़ थे लेकिन विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।
यहहिम्मत सोसायटी में रहने वाली एक साधारण महिला ने की। वह एक दुर्दांत के गुंडे के सामने निर्भीक खड़ी रही और उससे बिल्कुल भी विचलित नहीं हुई। नतीजा आज श्रीकांत त्यागी गिरफतार हो चुका हैं। उसके ऊपर 25 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया।
देश के मीडिया में यह खबर प्रमुखता से छापी/दिखाई जा रही है। श्रीकांत त्यागी पर गुंडा एक्ट लगाया जा चुका है। लेकिन इस समस्त प्रकरण के पीछे जो एक साहसी महिला है वह नेपथ्य में है, उसकी चर्चा न के बराबर है।उसके अदम्य साहस की भरपूर सराहना होनी चाहिए। हालांकि हर महिला शक्ति स्वरूपा होती है, ख़ासकर जब समाज के पुरुष अपना पौरुष खो चुके हों तो उनकी भूमिका और भी निर्णायक हो जाती है
कार पर उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिह्न लगा है।
उसकी वीवीआईपी नंबर प्लेट (0001 और 0007) जैसी कारें ज़ब्त की जा चुकी हैं।
उसके फोटो सत्तारूढ़ दल और शासन के लगभग सभी नेताओ के साथ दिखाई दे रही हैं।
जबकि बीजेपी के नेतृत्व ने इस व्यक्ति से किसी तरह का कोई संबंध होने से स्पष्ट इंकार कर दिया है।
श्रीकांत त्यागी पर गुंडा एक्ट लगाया जा चुका है। शायद वह देर सवेर गिरफ्तार भी हो जाए।
लेकिन इस समस्त प्रकरण के पीछे जो एक साहसी महिला है वह नेपथ्य में है, उसकी चर्चा न के बराबर है।उसके अदम्य साहस की भरपूर सराहना होनी चाहिए।
हालांकि हर महिला शक्ति स्वरूपा होती है, ख़ासकर जब समाज के पुरुष अपना पौरुष खो चुके हों तो उनकी भूमिका और भी निर्णायक हो जाती है।
श्रीकांत त्यागी उन्हें जिस तरह की घिनौनी गालियां दे रहा था यहां तक कि उसने उनके ऊपर शारीरिक प्रहार करते हुए उन्हें धक्का भी दिया।
इस सबका उन्होंने दृढ़ता से उसकी आंख में आंख डालकर निर्भय होकर सामना किया, इसका वीडियो वायरल हो चुका है।
वे वणिक समाज से आती हैं सो श्रीकांत त्यागी उन्हें और उनके पति को बनिया कहकर भयंकर गालियां भी दे रहा है।
वणिक समाज का होना कायर होना नहीं होता, ये बात उस गरिमामयी महिला ने सिद्ध की है।
सबसे बढ़कर आधुनिक सोसायटी में रहने वाले तथाकथित शिष्ट और संभ्रांत लोगों के लिए भी उन्होंने ये सबक़ भी दिया है कि बुराई को सहन करने से बेहतर है बुराई की आंख में आंख डालकर, बिना डरे उसका सामना किया जाए।
ओमैक्स सोसायटी की उन बहादुर महिला को(दुर्भाग्य से मुझे उनका नाम नहीं मालूम ) मेरा दिल से सलाम।
आप भी चाहें तो उनके इस अनुकरणीय साहसिक क़दम के लिए उन्हें सलाम कह सकते हैं।
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