मल्हार मीडिया ब्यूरो वाराणसी।
उत्तरप्रदेश के वाराणसी जिले के मिर्जामुराद में आज एक बेटी अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार का फर्ज अदा किया।
इसका कारण अन्य रिश्तेदारों द्वारा अंतिम संस्कार किए जाने से मना करना बताया जा रहा है। जब काफी देर मनाने के बाद भी रिश्तेदार नहीं माने तो विवाहित बेटी ने ही पिता के अंतिम संस्कार का फैसला किया।
प्राप्त जानकारी के अुनसार मिर्जामुराद के गौर गांव निवासी रिक्शा -ट्राली चलाने वाले बचाऊ गुप्ता (73 वर्ष) का लंबी बीमारी के चलते मंगलवार की सुबह निधन हो गया। उनकी पत्नि का निधन पहले ही हो चुका है और पुत्री प्रीति गुप्ता ही पिता का सहारा थी।
काफी इंतजार के बाद जब भाई और भतीजा जब अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आए तो गांव वालों ने आगे बढ़कर गरीब परिवार की मदद करते हुए उसके अंतिम संस्कार की व्यवस्था की।
गांव वालों ने रिक्शा-ट्राली चालक के अंतिम संस्कार में भी मदद कर बेटी के हौसले को बढ़ाया है।
दरअसल पिता की मौत होने की जानकारी मिलने पर वह परिवार के अन्य करीबियों के सामने अंतिम संस्कार के लिए निवेदन करने पहुंची तो परिजनों और रिश्तेदारों की ओर से ना-नुकुर सुनने के बाद खुद ही अंतिम संस्कार और मुखाग्नि का फैसला किया।
प्रीति ने सनातन विधि अनुसार पिता का क्रियाकर्म किया। उनकी अर्थी को कंधा दिया शमशान घाट पर मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार कर उनका श्राद्ध कर्म की परंपरा का निर्वहन किया।
Comments