निधि नित्या।
अयोध्या में 5 साल की मासूम भागवत कथा में भंडारे में खेलने जाती है जिसका रेप हुआ। उसके मुँह में मिट्टी भरकर रेप किया गया।
उस बच्ची को नेता और कानून भले भूल जाएं पर अयोध्या की महिलाएं उसके लिए सड़कों पर हैं।
बच्ची की माँ कहती है कि न्याय नहीं हो पा रहा हो तो मैं अपराधी को मार डालूँगी।
मैं हैरान हूं कि
अब क्यूँ धर्म खतरे में नहीं आ रहा ?
अब क्यों किसी का खून नहीं खोल रहा ?
अब क्यों कोई नेता इस मामले में आगे नहीं आ रहा?
क्यूँ सोशल मीडिया पर इस बारे में लिखा नहीं जा रहा जितना किसी मूवी या नेता या साम्प्रदायिक घटना पर लिखा गया ?
क्यों ये समाज और सिस्टम इतना स्वार्थी और अधर्मी है?
क्यूँ हमारी संवेदनाएं इतनी बायस हैं?
तीन दिन पहले कविश अजीज लेनिन जो एक पत्रकार हैं उस बेटी के पिता से मिलकर आई हैं वे रिपोर्ट में लिखती हैं।
अभी उस पिता से मिलकर आई जिसकी पांच साल की बच्ची का रेप हुआ,उसके प्राइवेट पार्ट अंग भंग हो चुके है, मुंह मे मिट्टी भर कर बलात्कारियों ने रेप किया ताकि बच्ची बोल न सके, फिर उसकी गर्दन काट दिया।
उन्हें लगा था बच्ची मर गई लेकिन बच्ची को जब होश आया तो लड़खड़ाते कदमों से सड़क तक पहुंची और बेहोश हो गई किसी ने अस्पताल पहुंचाया मां बाप को सूचना मिली तो वह अस्पताल पहुंचे वहां से लखनऊ के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया।
मेरे लिए बात करना इतना मुश्किल था क्योंकि, बच्ची का बाप हाथ जोड़कर सिर्फ रो रहा था, अपनी बात भी बताना चाहता था, और हर थोड़ी देर पर बेहोश हो जाता।
मैंने उससे मना किया कि भैया रहने दो अब मत बात करो लेकिन उसने कहा नहीं मैम बात करना बहुत जरूरी है वरना हमारी बच्ची को इंसाफ नहीं मिलेगा
मैंने जाति का नाम लिया यह सोच कर कि कहीं कोई जातिगत दुश्मनी तो नहीं है तो उसने बताया कि हम ब्राह्मण हैं और जिन्होंने ये काम किया वो गुप्ता है।
फिर कहने लगा मैम पूरे अयोध्या में हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है, एक बच्चा 5 महीने का है जिसे मां संभाल रही है।
दो बार अपनी बच्ची को खून दे चुका है, 10 मिनट के इंटरव्यू में कम से कम 5 बार वह बेहोश हुआ हमारा कैमरामैन दौड़कर उसके लिए पानी लाया फिर मैंने कहा दवा का पैसा ले लो मुझसे तो मना कर दिया ये कह कर की इंसाफ मेरे लिए सब कुछ है।
वीरेंद्र भाटिया की फेसबुक वॉल से
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