अथ मोबाइलम् कथा
वीथिका
Jan 23, 2015
संजय जोशी 'सजग "
आज सबेरे -सबेरे बांकेलाल जी से आमना सामना हुआ उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें होने का आभास हो रहा था मैंने पूछा किस चिंता में दुखी हो? तो वे कहने लगे इस मोबाइल ने तो जीना हराम कर दिया लोग बाग इस कदर इसके दीवाने हो गये कि लगता है सम्पट ही भूल गए ,विचलित होकर कहने लगे आज ही एक समाचार पड़ा की एक लड़की वाट्सएप देखते -देखते गड्डे में गिर गई । इसके कारण
अच्छे भले लोग भी अंधे और बहरे सा व्यवहार करने लगे है । ये जीवन का अभिन्न
अंग हो गया है चलते फिरते ,उठते -बैठते ,सोते जागते सब जगह इसकी घुसपैठ है इसकी माया इतनी निराली है कि लोगबाग मिस काल देकर अपनी जवाबदारी से मुक्त हो जाते है और रहते कहां है, बताते कहां है?ये उल्लू बनाविंग का मुख्य साधन हो गया है ।
वे आगे कहने लगे कि इसके मायाजाल ने भ्रमजाल का चोला पहना दिया है और जीवन को एकाकी बना दिया है हर कोई मोबाईल में मगन रहने लगा है की- पेड और टच के सहारे बार - बार अपनी आँखे उसी में गड़ाए रहता है और अपनी गर्दन और आँखे हमेशा झुकाये रहता है इयर फोन कान में लगा देखकर सचमुच में बहरे आदमी का सीन सामने आ जाता है । नेट की सुविधा होने के कारण सामान्य सी चीज के लिए भी गूगल सर्च शुरू कर देता है सभी समस्या का हल गूगल के भरोसे करने वालों की जमात दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है मतलब की स्मार्ट फोन की तरह सब लोग भी स्मार्ट होते जा रहे है और कुछ तो ओवर स्मार्ट हो कर अश्लील मैसेज का गंदा खेल तक खेल जाते है ।
आगे कहने लगे नए माल खरीदने से लेकर बेचने तक सब काम इससे ही होने लगे है lभविष्य दर्शन ,समाचार ,नेट बैंकिंग ,टिकिट बुकिंग और भी न जाने क्या -क्या होने लगा है और निरंतर इस पर आश्रित होने की खोज जारी है यह हमारे जीवन पर इस कदर हावी है कि इसके बिना पल-पल मुश्किल लगता है एक क्या अब तो दो-दो मोबाईल रखने का जमाना चल रहा है ।
उनकी मोबाइल कथा का वाचन निरंतर जारी था वे कहने मोबाइल के बिना जिंदगी में अधूरापन सा लगता है इस कलमुँहे मोबाइल ने चिट्ठी ,पत्री और शुभकामना संदेश को इतिहास की ओर धकेल दिया है वहीं प्रेमी -प्रेमिकाओं की तो चांदी हो गई जब चाहे तब इश्क लड़ाओं क्योंकि पल-पल साथ निभाता हैं ये मोबाईल ।
पहले एक मैसेज भेजने में कितनी मशक्क़त होती थी वह तो पुरानी प्रेम कहानी वाला ही बया कर सकता है और आजकल छोटे से बड़े त्यौहारों पर मैसेज की बहार आ जाती है और अपने मोबाईल से दूसरे मोबाईल में मैसेज फार्वड करे बिना दिल है की मानता नहीं और उसके बाद एक सुखद अनुभूति होती है । आजकल मैसेज फॉर्वड करने से भगवान को प्रसन्न करने का प्रयोजन भी इसी से होता है इतने लोगों को भेजो फिर देखो चमत्कार, चमत्कार तो होता हैं पर बेलेंस कम होने का ,कुछ तो इस भेड़ चाल में चलकर दूसरों को चलने को मजबूर कर देते है भावनात्मक ब्लेकमेल कर ।
मैंने कहा अब इस कथा को समाप्त करने की मेहरबानी करेंगे तो कहने लगे
कि हे मोबाइल तुझ में सब कुछ समाया है फिर भी कुछ भक्त ,मिस कॉल ,कवरेज
समस्या ,अनचाहे मैसेज और लम्बी -लम्बी बातें करने की पीड़ा भोग कर ,तनाव और
अनिद्रा की ओर निरंतर अग्रसर है । यह कई मानसिक और शारीरिक परेशानियों का प्रदाता बन रहा है पर तेरे बिना गुजारा भी नहीं ।
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