ऐसे मुसलमानन पर कोटिन हिन्दू बारिए!
वीथिका
Jul 28, 2015
डॉ.लक्ष्मीनारायण पांडे
डेढ मिनट की मुलाकात, मेरे जीवन की अमूल्य निधि बन गयी । भोपाल एयरपोर्ट पर देखा एक बच्चे जैसे चहकते, विराट हिमालय सा व्यक्तिगत । असाधारण जीवन्तता और जिजीविषा का अनूठा संगम, गीता और कुरान दोनों की दिव्यता और भव्यता से भरा, रचा बसा, प्रेरक जीवन, काल के गाल में समा गया । पहला राष्ट्रपति जो देश का नहीं, जन जन का राष्ट्रपति था, सहज, सरल, सुलभ, राष्ट्रपति, ।
सिकुडती फैलती मुस्कराती आंखो की बेमिसाल आत्मीय जादूगरी, संस्कृत शब्द सुनकर ही कर्मण्येवाधिकारस्ते श्लोक का दाक्षिणात्य उच्चारण, और हंसी, पाणिनी पतंजलि की मेधा का दो वाक्यों में यशोगान ।
असाधारण अद्भुत अनूठा अनघड, अपूर्व बेमिसाल, कमाल के कलाम, मेरे कलाम, मेरे देश के कलाम, हम सबके कलाम, सारी मानवता के कलाम,
तुमको अनन्त प्रणाम ।
अन्त में फिर से, ऐसे मुसलमानन पर कोटिन हिन्दू बारिए ।शम्।
डॉ.लक्ष्मीनारायण पांडे के फेसबुक वॉल से
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