डॉ.प्रकाश हिंदुस्तानी।
कश्मीर में पांच दिन की यात्रा के बाद यह महसूस हुआ कि यहां पर्यटकों के लिए घूमना-फिरना बेहद सुरक्षित और आसान है। श्रीनगर हमें उतना ही सुरक्षित लगा, जितना हम इंदौर में सुरक्षित महसूस करते हैं। बल्कि कहीं-कहीं तो यह इंदौर से भी सुरक्षित जगह लगी। रात को डेढ़ बजे तक डल झील के किनारे चहलकर्मी करते हुए यह अहसास ही नहीं हुआ कि हम किसी दूसरे प्रदेश में घूमने के लिए आए हैं। अपराध श्रीनगर में शून्य के बराबर हैं। भिखारी कहीं नजर नहीं आते और लोग बहुत ही सौहार्दपूर्ण और विनम्र। ऐसा ही विचार गुजरात और बंगाल से आए पर्यटकों का भी था।






पानी पर तैरता शहर - डल झील ‘‘अगर फिरदौस बर रूए ज़मीनस्त, हमींनस्त-ओ, हमींनस्त-ओ, हमींनस्त’’ (यदि पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है, तो वह यहीं है, यहीं है, यहीं है)
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