पुस्तक समीक्षा:महिलाओं के मौन व कोमल भावनाओं की सहज अभिव्यक्ति " देहरी के अक्षांश पर "
वीथिका
Dec 22, 2015
संजय जोशी "सजग"
" देहरी के अक्षांश पर " काव्य संग्रह गृहस्थी की धुरी पर सतत संघर्षशील ममतामयी माँ को समर्पित किया गया है जिसमें महिला के मौन , समर्पण,त्याग तपस्या ,सहनशीलता और संघर्ष की व्यथा को शाब्दिक काव्यात्मक रूप में अपनी भावना से अभिसिंचित किया है।
इसकी रचनाका,पत्रकार प्रिंट और दृश, मीडिया एंकर और हर विषय पर अपनी बेबाक लेखनी की धनी- डॉ मोनिका शर्मा है। एक माँ अपने बच्चे ,परिवार और समाज की धुरी बनकर त्याग और समर्पण की एक मिसाल कायम करती है जो इस काव्य संग्रह की आत्मा है। रचनाकार ने सरल और सहज शब्दों में सृजन कर एक दुरूह कार्य को रोचक ढंग से प्रतिपादित किया है यहीं इसकी मुख्य विशेषता है।
उम्दा व भाव प्रधान रचनाओं से परिपूर्ण यह संग्रह है इसमें लगभग 71 कविताएं हैं, जो हर विषय को छूती हैं तथा हर गृहणी की पीड़ा ,मन में दबी भावनाओं और अपनी रूचियों की तिलांजलि को धरातल पर लाने का एक अच्छा प्रयास किया है। पुस्तक के नाम को सार्थक करती हुई रचनाये और हर महिला के मन की बात सलीके से कहना रचनाकर की खूबी है सरल वैज्ञानिक शब्दों का प्रयोग भी अदभुत है। एक पंक्ति "मर्मज्ञ होते हुए भी अल्पज्ञ का बनी रहती है वाकई सच्चाई बया करती है सामाजिक परिदृश्य की l
इस काव्य संग्रह में सामाजिक ,सांस्कृतिक और परिवार के परिवेश का रचनाकर ने अपने अनुभवों , चिंतन और मनन के माध्यम से जो ताना बाना बुना वह काबीले तारीफ़ है। उसे बिना लाग लपेट के सरलता से व्यक्त करना एक उत्कृष्ट और मंजे हुए रचनाकार का आभास देता है।
काव्य संग्रह की हर रचना अपने आप में सम्पूर्णता लिए श्रेष्ठ है। सर्व श्रेष्ठ रचनाए जो दिल और दिमाग में नई चेतना का आभास देती है जैसे ,अनमोल उपलब्धिया ,अनुबंधित परिचारिका सी ,फिरकनी ,आधा अधूरा मन ,देहरी के अक्षांश पर ,स्त्रियों का संसार ,रिपोर्ट कार्ड ,माँ की पांच रचनाऐं ,लाल बिंदी और अब माँ को समझती हूँ। यह काव्य संग्रह दिलो—दिमाग में अनूठी छाप छोड़ता है महिला और पुरुष दोनों के लिए पठनीय है जरूर पढे इससे महिलाओं की मौन कोमल भावनाओ ,उम्मीदों और अपेक्षा को नया आयाम मिलेगा। रचनाकार का इस कठिन विषय पर लिखने का प्रयास सार्थक सिद्ध होगा।
यह काव्य संग्रह अपने आप में पूर्णता लिए हुए है फिर भी संग्रह के मूल्यांकन का अधिकार तो पाठकों का है
कृति -" देहरी के अक्षांश पर "
विधा -कविता
प्रकाशक -बोधि प्रकाशन ,जयपुर
मूल्य -120 /-
रचनाकार -डॉ मोनिका शर्मा
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