मदर्स डे पर होगा मुनव्वर राना का आपरेशन

वीथिका            May 09, 2015


मल्हार मीडिया ब्यूरो मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में कैंसर से जूझ रहे मशहूर शायर मुनव्वर राना के लिए अपने ही शेर सबसे बड़े संबल हैं। इत्तेफाक है कि माँ के प्यार पर बेहतरीन नज्में लिखने वाले मुनव्वर राना का ऑपरेशन भी मदर्स डे यानी दस मई को होना है। जब बातचीत के दौरान ऑपरेशन का जिक्र आया कुछ देर के लिए उनकी आवाज थम गई। फिर अपनी ही नज्म की दो लाइनें कहकर दिल हल्का कर दिया। अभी ज़िंदा है माँ मेरी, मुझे कुछ भी नहीं होगा, मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद मुनव्वर खुद अपनी कॉल्स रिसीव कर रहे हैं। कैंसर की मायूसी तुलना उनकी खुशमिजाजी का वजन ज्यादा है। बीमारी के बारे में पूछा तो बोले, मुंह में कुछ तकलीफ है। केजीएमयू के ईएनटी डिपार्टमेंट में चेक करवाया तो वहां से रिपोर्ट खराब आई। फिर आगे का इलाज करवाने मुंबई चला आया। आप तंबाकू काफी खाते हैं। अब बंद किया या नहीं/ जब से मैं यहां मुंबई आया हूं तब से इस बात पर विचार कर रहा हूं। अब यह लत छोड़ दूंगा। हालांकि यह मुश्किल है। फिर भी माँ की दुआओं और अपनी मजबूत इच्छाशक्ति के बूते इस पर नियंत्रण किया जाएगा। मुनव्वर बताते हैं कि 10 मई को उनका ऑपरेशन होना है। उस दिन मदर्स डे है। मेरी माँ ने लाड़ प्यार दिया। अभी तो वक्त उसकी दुआओं का है। मुझे कुछ नहीं होना। मैं जानता हूं बीमारी पेचीदा है, लेकिन हर दिक्कत को मेरी माँ की दुआ ओढ़ लेगी। तकलीफों को मुझसे किनारा करके जाना ही होगा। मुनव्वर बताते हैं कि जब से लोगों को पता चला है कि मैं यहां मुंबई में भर्ती हूं, तब से कई फोन आए। वे हाल जानना चाहते हैं। लोग जानना चाहते हैं कि क्या तकलीफ है। मैं ठीक हूं या नहीं और कई मर्तबा लोग अपनी बातें कहना चाहते हैं। मैं उनकी तमाम भावनाओं की इज्जत करता हूं। उम्मीद है कि उनकी और माँ की दुआओं का असर मुझे महफूज रखेगा। ऐसे वक्त पर उनका शेर याद आता है- मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊं मां से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ।


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