व्यंग्य:वेलकम मैगी!

वीथिका            Nov 12, 2015


sanjay-joshiसंजय जोशी मैगी गयी थी तूफान की तरह और लौटी शांत हवा की तरह। तब तो लगा था कि जैसे कुपोषण की जड़ गयी,उसके जाने की,कहीं ख़ुशी तो कहीं गम था। न्यूज़ चैनल पर इतना हल्ला हुआ कि बच्चे खुद ही डर गये कि अब क्या होगा ? इसमें हानिकारक रसायन है अब बच्चे उसके गम से उबर ही रहे थे कि मैगी की मेगा वापसी हो गयी। आधुनिक माताओं ने राहत की सांस जरूर ली होगी ,सिर्फ दो मिनिट में तैयार और हो भी क्या सकता है मैगी के अलावा। अच्छा हुआ मैगी की घर वापसी हुई और वे चहककर कह उठेंगी , वेलकम मैगी। बच्चे मन के सच्चे को यह सब मैजिक ही नजर आएगा। मैगी ने जिस तरह जीभ को अपने स्वाद का कायल बना रखा था कि इतने बवाल के बाद भी कुछ को तो कोई असर ही नहीं। वे घरों के पुराने स्टॉक को खत्म करने में आखरी दम तक मुस्तैद रहे और खत्म करके ही माने और उसके समर्थन में कसीदे पढ़ते थे कि ऐसा हो ही नहीं सकता और जी भर खाते रहे। इसके पीछे कोई साजिश है का तर्क देकर अपना मैगी के प्रति असीम प्रेम प्रदर्शित करने वालों की कोई कमी नहीं रही। भले ही साइड इफेक्ट के रूप में शरीर थुल -थुल हो गए हो। ऐसे ही एक मैगी प्रेमी हैं विकास जी ,जो अपने आप को अति विकसित और आधुनिक समझते हैं मैगी उनकी कमजोरी है। उसके बिना उनका काम ही नहीं चलता है। वे मैगी के गुणों और स्वाद का बखान और ज्यादा करने लगे जबसे मैगी पर प्रतिबंध लगा और उसके समर्थन में नित नए फंडे देकर अपनी विचलित आत्मा को तसल्ली देने का काम करते थे, उसकी वापसी की दुआ करते रहते थे। उनकी दुआ कबूल हुई और मैगी की वापसी हुई ,सबसे ज्यादा ख़ुशी उनको ही हुई। उन्हें भी इसकी कोई उम्मीद नही थी उनके लिए तो सोने पर सुहागा साबित हुई। उन्हें जब मैगी की वापसी पर बधाई दी तो वे प्रसन्नता में अपना अापा खो बैठे और अपने आप को सर्वश्रेष्ठ मानकर कहने लगे कि मुझे तो विश्वास था कि इसकी जांच में साँच नहीं थी और भेड़चाल के चलते सभी लैब ने फ़ैल करना शुरू कर दिया जिससे मैगी का यह हश्र हुआ। दूसरों की गलती से बेचारे इसके स्वाद के गुलाम और आलस्य प्रेमी कितने दुखी हुए, वो ही जाने जिसने यह सब भोगा होगा ,घायल की गति घायल जाने । मैगी की वापसी से इसके चहेतों को नई ऊर्जा मिलेगी और पेट भरने की कवायद से निजात मिलेगी। इसके नहीं होने से कइयों के पेट में चूहे कूदते होंगे और कई को फेसबुक और वाट्सएप पर समय कम मिलता होगा ,दो मिनिट में तैयार यानी कि जल्दी का काम शैतान का माना जाता है मतलब यह कि शैतान ने किचन और मुंह पर अपना अतिक्रमण कर लिया है पुन: वापसी से इसकी जड़े और मजबूत होंगी और देश में मोटे लोगों का प्रतिशत और तेज गति से बढ़ेगा। मैं तो बेमन से भी नहीं कह पाऊंगा वेलकम मैगी!


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