सेल्फ़ी' ने क्रेजी किया रे
वीथिका
Feb 28, 2015
संजय जोशी 'सजग'
जब से ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने 'सेल्फ़ी' (Selfie) को 'वर्ड ऑफ़ द ईयर' चुना है तब से इतने कम समय में इस सेल्फ़ी शब्द के लाइम लाइट में आने पर आश्चर्यचकित होना स्वाभाविक था जब स्वयं के लिए सेल्फ शब्द उपयोग करते थे उसमे कुछ नयापन नही लगता था पर इसने यह सोचने को मजबूर किया सेल्फ़ी में क्या है?अंग्रेजी में तो शब्दों को शॉर्ट में बोलने का फैशन है तो सेल्फिश से भी सेल्फ़ी बन सकता है वैसे भी सेल्फ़ी लेने में स्वार्थ की हद पर कर जाते है और डिलीट पर डिलीट करते है अपने संतुष्टि के लेबल के आने तक ।
सेल्फ़ी यानी खुद से खींची हुई तस्वीर अपना हाथ जगन्नाथ ,सेल्फ़ी लेने का चलन जोरों पर है चुनाव में कइयों ने अपनी सेल्फ़ी खींची ,कुछ सेल्फ़ी विवादित भी हुई तब लगा की एक सेल्फ़ी भी राजनीति में इस तरह भूचाल ला सकती है और लायी भी । सेल्फ़ी में है दम ,पर इन सब के बीच सेल्फ़ी इस कदर लोकप्रिय होगी किसी को अंदाज नही होगा । कुछ लोगों ने सेल्फी के जरिए प्रसिद्धि पाने का माध्यम बना लिया है खुद को अपडेट रखने के लिए यूथ में इन दिनों सेल्फी का शौक बढ़ता जा रहा है…उसके एडिक्ट हो गए है यह कहां तक जाएगा ?यह तो भविष्य के गर्त में छुपा हुआ है ।
अब तो सेल्फ़ी का ही जमाना आ गया है इस दौर में सेल्फ़ी का भूत सब पर हावी है हॉलीवुड से बॉलीवुड ,देशी और विदेशी नेताओ पर सेल्फ़ी का क्रेज चढ़ चुका है,वाह सबको सेल्फ़ी ने क्रेजी किया रे ,। गिरेंगे -पड़ेंगे न आगे न पीछे देखेंगे पर फिर सेल्फ़ी तो जरूर लेंगे । सेल्फ़ी आधुनिकता की निशानी और नशा दोनों हो गया है। एक फेसबुकिया राजा बाबू का कहना है कि कुछ तो करेंगे सेल्फ़ी नही करेंगे तो सोशल नेटवर्किंग साइटस खाली -खाली लगेगी और इसके बिना सब बोरिंग लगेगा जब तक लाइक और कमेंट की बहार न आ जाये ,क्या करें दिल है कि मानता ही नही ,मेरी सेल्फ़ी के साथ कभी ना इंसाफी मत करना मेरे दोस्तों , में तुम्हारी सेल्फ़ी पर लाइक और कमेंट करूंगा तुम भी मेरी सेल्फ़ी पर करना ,मेरी गर्ल फ्रेंड को इंप्रेस करने में सहायता मिलेगी । आओ मिलकर कल फिर नई सेल्फ़ी नए अंदाज में वॉल पर टांग कर टेगासुर बन कर फेसबुक को आबाद करेंगे जो नहीं देखते उन्हें देखने को मजबूर करेंगे , बेचारे साहित्य सृजन करने वाले तो टेगासुरों के खौफ से यूँ हीं भयभीत रहते है ।
सेल्फ़ी फोटो ने अपना रुतबा इतना बड़ा लिया सबकी चहेती बन गयी सेल्फ़ी में सेल्फ कॉन्फिडेंस गले -गले तक भरा रहता है सेल्फ़ी में आपको कोई प्लीज स्माइल नहीं कहता और न ही एक आँख बंद करके आपको घूरता है सभी झझंट से मुक्ति देती है सेल्फ़ी । सेल्फी तस्वीरों की खासियत यह है कि कैमरे की नजर को थोड़ा ऊपर से नीचे की तरफ सेट करके सेल्फ़ी में मोटापा छिपाया जा सकता है फोटो खींचने वाला अपनी वही शक्ल क्लिक करता है, जो उसे खुद को सबसे अच्छी लगती है,भले ही दूसरों को नही । सेल्फ़ी ने सबको अपने मूड का मालिक बनाया जब मूड़ हो तब ले लो सेल्फ़ी l कै मरे वाले मोबाईल बनाने वालों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा सेल्फ़ी के इतने आदि होकर सेल्फ़ी के फेन हो जायगे । सेल्फ़ी ने फेसबुक तो क्या ट्विटर और वाट्सएप को भी सेल्फ़ी युक्त कर दिया l लोगों के फर्जी फोटो से उम्र का पता ही नहीं चलता ।
रोज -रोज की सेल्फ़ी की प्रवृति से वह दिन दूर नही जब सेल्फ़ी को मानसिक बीमारी मान लिया जाएगा ,तारीफ पर तारीफ पाने की लत के लिये कोई कुछ भी करेगा पर जी नहीं भरेगा तब तक सेल्फ़ी पर -सेल्फ़ी करेगा, मनुष्य प्रजाति में कुछ नस्ल ऐसी भी है जो अपनी फोटो देख कर कभी संतुष्ट नही होती है कैमरा आईने की तरह सच कम ही बोलता है पर जो है सो है । कांच तो फोड़ने से रहे पर --फोटो तो नया ले लेंगे क्लिक ही तो करना है । सेल्फ़ी की खुमारी इस तरह बढ़ गई है कि अब तो डॉग के साथ डेल्फी ,हेयर स्टाइल वाली हेल्फी और वेलनेस की वेल्फ़ी भी आ रही है एक बंदर सेल्फ़ी का विवाद कॉपीराइट के लिए कोर्ट जा पहुंचा लगता है सेल्फ़ी ने सबको क्रेजी किया रे.…… ।
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