8 फरवरी शायराना संयोग:निदा के अलफाज जगजीत की आवाज

वीथिका            Feb 08, 2016


केशव कुमार निदा फाजली और जगजीत सिंह। एक तारीख- 8 फरवरी। निदा साहब इस जग को जीत 8 फरवरी को ही दुनिया से रुखसत हुए और जगजीत इसी दिन इस जग को जीतने दुनिया में आए थे। ऐसा शायराना संयोग शायद ही कोई दूसरा हो। मुक्तदा हसन निदा फाजली ने 78 साल की उम्र में सोमवार को आखिरी सांस ली। जगजीत सिंह 8 फरवरी 1941 को पैदा हुए थे। उन्होंने निदा फाजली से पहले दुनिया छोड़ दी, लेकिन पूरी दुनिया में फैले निदा साहब के दीवानों में से अधिकतर ने उन्हें जगजीत के जरिए ही सुना। निदा फाजली की अधिकतर गजलों को जगजीत सिंह ने ही आवाज दी या कहिए कि निदा फाजली ने जगजीत सिंह की गायकी को नायाब नज्में दी। इन दोनों के शब्द और स्वर की जोड़ी के असर को हमेशा बढ़ता ही देखा गया। उनके कुछ खास गानों से जब भी हम रूबरू होते हैं, खो जाते हैं। निदा फाज़ली के दोहों का एलबम जगजीत सिंह ने 1990 के दशक में गाया था। उसने लोकप्रियता का रिकॉर्ड कायम कर दिया था, इस एलबम का नाम था इनसाइट। इसमें भारत की साझी संस्कृति और मानवीयता को बड़ी मासूमियत के साथ पिरोया गया है। बेहद सादगी भरी लिखावट और मधुर आवाज से इस एलबम का खुमार अब भी लोगों के सर चढ़कर बोलता है।


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