Breaking News

झगड़ू का झंझट:साहब का फरमान,साहूकार का एहसान,फिर भी नही मिला समाधान

वीथिका            Apr 08, 2017


सागर से अनुज गौतम।
पैसठ साल की उम्र में भी मजबूरी *झगडू* से मजदूरी करवाती है और कभी जनपद तो कभी कलेक्ट्रेट घुमाती है। झोपडी में रहने वाले झगडू को पता नहीं कि उन्होंने पक्का शौचालय किस मुफ्लिशी में बनवाया है ।कभी अपने बारे में सोचते नहीं। अपने दो बच्चों को खिला-पिला ,पढ़ा लिखा कर,जवान बनाया लेकिन बे अब इन्हें पूछते नही। झगड़ू ने अधिकारियो को देखा नही ,ना ही अधिकारियो ने झगडू को देखा। फिर भी झगडू कैसा गुस्ताख़ है उसने कलेक्ट्रेट पहुँचकर सीधे कलेक्टर से शिकायत कर डाली। पर मजबूरी तो मजबूरी है। पिछले महीने में सागर कलेक्टर ने एक फरमान जारी किया था कि जिसके पास राशन पर्ची है और उसके पास शौचालय नहीं होगा तो उसकी राशन पर्ची बंद कर दी जावेगी साथ ही पांच सौ रुपये जुर्माना भी बसूला जाएगा। और यह फरमान उड़ता उड़ता बंडा जनपद पंचायत के टेटवारा गांव भी जा पंहुचा। टेटवारा गांव के पहुचते ही यह संदेश गांव में रहने वाले झगडू अहिरवार के पास भी जा पंहुचा ।

अब झगडू ने शौचालय निर्माण कराने के लिये गांव के सचिव और सरपंच से बात की तो उन्होंने कहा कि शौचालय का निर्माण कराओ उसके बाद शासन से तुम्हे तुरंत ही 12000 रुपए मिल जाएंगे। पैसठ साल की उम्र में भी मजदूरी करने वाले झगडू के पास इतने रुपये तो थे नहीं सो उसने इस आशा के साथ गाव के साहूकार से ब्याज पर कर्जा लेकर पक्का शौचालय निर्माण करवाकर ,और पक्के शौचालय के साथ फोटो खिंचवाकर गाव के सचिव को दे दी। और जल्द से जल्द पैसा मिल जाय ऐसा झगडू ने निवेदन किया। लेकिन दो महीने होने के बाद भी झगडू को पैसे नही मिले और साहूकार ने पैसे मांगे तो झगडू फिर सचिव के पास पहुचा और उससे पूछा कि अभी तक पैसे क्यों नही मिले हैं तो उसने बड़ी आसानी से कह दिया कि गलती से तुम्हारे पैसे दूसरे के अकाउंट में चले गए हैं और अब वो पैसे नहीं मिलेंगे। 

अब झगडू को कुछ समझ नहीं आ रहा था की वो साहूकार का पैसा कैसे चुकाएगा। अब लोग उसकी उम्र को देखते हुय मजदूरी करवाने से कतराते हैं और कर्जा कैसे देगा। साठ साल से भी अधिक की उम्र होने के बाद भी झगडू कभी अपने जिला मुख्यालय को नहीं देखा था सो उसने सोचा कि क्यों न कलेक्ट्रेट कार्यालय भी देख लिया जाय साथ ही अपनी समस्या को कलेक्टर साहब के सामने बताया जाए सो झगडू लिखित शिकायत को लेकर कलेक्ट्रेट पहुँच गये।

अधिकारियों को देख झगडू को विश्वास हो गया कि अब तो शौचालय का पैसा जल्द से जल्द मिल जाएगाऔर साहूकार से लिये कर्जा भी चुक जाएगा , और अपर कलेक्टर को आवेदन दिया। लेकिन 15 दिन से भी अधिक समय हो गया है झगडू की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। अब इधर साहूकार का ब्याज बढ़ रहा है। दवाब और चिंता बढ़ रही है कि आखिर क्यों उसने ये शौचालय बनवा लिया आखिर क्यों....?

व्हाट्सएप



इस खबर को शेयर करें


Comments