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भक्तों किसी को गरियाने से सच झूठ नहीं हो जाता

वीथिका            May 05, 2018


अरूण दीक्षित।
नरेंद्र भाई आप सिर्फ इसलिये लिखा हुआ कागज हाथ में नही रखते क्योंकि आपको राहुल गांधी की बिरादरी का मान लिया जाएगा! लेकिन इस चक्कर में हर दूसरे दिन एक झूठ परोस देते हो!

जैसे आपने बड़ी विनम्रता से खुद को चाय बेचने बाला, दूसरों के घरों में काम करने बाली माँ का बेटा तथा पिछड़ी जाति का होना बताया है वैसे ही यह भी बता दीजिये कि "गरीबी" की वजह से आप पढ़ाई नहीं कर पाए।

मैं आपको यह विश्वास दिलाता हूं कि अगर आप यह कह देंगे तो आपका कोई मतदाता बुरा नहीं मानेगा और न ही निराश होगा! वैसे अब तक आपको यह अहसास तो हो ही गया होगा कि लाखों का सूट पहनने और बढ़िया मेकअप कराने से व्यक्तित्व में बदलाव तो आ जाता है। लेकिन बढ़िया पर्सनालिटी और ताली बजाकर भाषण देने की कला आपका "ज्ञान" नहीं बढ़ा सकती हैं।

मैं भी इस देश के 135 करोड़ लोगों में एक हूं। सच में बहुत बुरा लगता है जब लोग आप के भाषण पर हंसते हैं और आपको झूठा,फेंकू और नकलची या फिर न जाने क्या—क्या कहते हैं!

हालांकि आपके भक्त ऐसे लोगों को धमकाने और गरियाने में देर नहीं लगाते! लेकिन उससे झूठ सच नहीं बन पाता है।

अतः भारत का एक अदना सा नागरिक होने के नाते मेरा आपसे विनम्र अनुरोध कि आप अपनी काबिलियत के बारे में भी देश को बता दीजिये! साथ ही लिखी हुई स्क्रिप्ट साथ रखने की आदत डाल लीजिए। आपको कोई कुछ नही कहेगा!

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के मुताबिक आप देश को भगवान की देन हो और दुनियाँ के सबसे लोकप्रिय नेता भी। यकीन मानियेगा कि इस एक सच से आपके इस ओहदे पर भी कोई फर्क नही पड़ेगा।

यह अपील मैं इसलिये कर रहा हूँ क्योंकि आप हमारे अतिविशेष प्रधानमंत्री हो!

ऐसे में जब लोग आप पर प्रमाण देकर हंसते हैं तो सच में बहुत बुरा लगता है।

और हैं अगर आपको मेरी कोई बात बुरी लगी तो मुझे माफ़ कर दीजियेगा!आपके भक्तों से तो मैं खुद निपट लूंगा!
जय श्री कृष्ण
नमस्कार
जयहिंद!!!

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और भोपाल में नवभारत टाइम्स के ब्यूरो हैं। यह आलेख उनके फेसबुक वॉल से लिया गया है।

 


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