राकेश कायस्थ।
चूचे को कौन नहीं जानता? जो नहीं जानता उसके लिए बता दूं कि चूचा फिल्म फुकरे का एक चमत्कारी किरदार है। चूचा सपने देखता है और उस सपने का मतलब समझकर उसके दोस्त लॉटरी में पैसे लगाते हैं और खूब कमाते हैं।
फुकरे टू के बाद चूचा आजकल चुनावी ड्यूटी निभा रहा है। इसका खुलासा तब हुआ जब प्रधानमंत्री ने अपनी चुनावी रैलियों में दनादन ऐसी ख़बरें बताई जो कोई आम इंसान सपने में भी नहीं सोच सकता। कांग्रेसियों का माथा ठनका कि आखिर मोदीजी तक बीच चुनाव के ये ख़बर कहां से पहुंच गई कि पाकिस्तानी अहमद पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने वाले हैं।
कांग्रेसी जासूसो ने छानबीन शुरू की तो उन्हे पता चला कि बीजेपी इलेक्शन वॉर रूम के ठीक बाहर चूचे को एक फाइव स्टार कमरा दिया गया है। उसे छप्पन भोग खिलाया जाता है और बीजेपी के प्रवक्ता उसे बारी-बारी लोरी सुनाते हैं ताकि चूचा जल्दी सो जाये। चूचा जो सपना देखता है, वह शाह जी को बता देता है और शाहजी सीधे खबर मोदीजी तक पहुंचा देते हैं। बस फिर क्या बीजेपी हिट और कांग्रेस चित्त।
राहुल गांधी को जब चूचे के बीजेपी कैंप में होने की ख़बर मिली तो वे बुरी तरह नाराज़ हो गये। बावजूद इसके कि आजकल उन्हें गुस्सा नहीं आता है, राहुल जी ने चीखते हुए कहा— टैलेंट की कद्र नहीं है, तुमलोगो को। कितने काम का आदमी है। हार्दिक पटेल की खुशामद से अच्छा था कि चूचे को ही ले आते। हमारे लिए सपना देखता और बता देता कि अय्यर क्या बोलने वाला है, तो मैं पहले ही उसके मुंह पर टेप चिपका देता।
राहुल जी ने सुरजेवाला के मार्फत चूचा के जिगरी दोस्त हनी को मैसेज भेजा और चूचे से गुजरात नवसर्जन में हाथ बंटाने का आग्रह किया। लेकिन हनी ने दो टूक जवाब दिया— चूचा को प्रशांत किशोर समझ रखा है क्या? देयर इज़ ओनली वन चूज़ा इन दिस कंट्री, आपके यहां आने से रहा।
ख़बर ये भी है कि भोली पंजाबन ने राहुल जी से मिलने का टाइम मांगा है, ताकि चूचा को कांग्रेस कैंप में लाने में कुछ मदद कर सके। लेकिन राहुल जी ये सोचकर डर गये कि चुनावी मौसम में कोई कंट्रोवर्सी ना खड़ी हो जाये। मोदीजी की मदद के लिए चूचा है, लेकिन राहुल जी को अपने सपने खुद देखने पड़ रहे हैं। हाउ सैड!
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।
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