मल्हार मीडिया ब्यूरो।
प्रसिद्ध टीवी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के लेखक तारक मेहता का लंबी बीमारी के बाद यहां निधन हो गया। वे 87 साल के थे। मेहता ने 80 से ज्यादा किताबें लिखीं। उनका नॉवेल 'दुनियाने ऊंधा चश्मा' सबसे ज्यादा मशहूर हुआ। इसी नॉवेल से इन्सपायर होकर बाद में टीवी सीरियल 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' सीरियल बना। यह सीरियल 9 साल से टेलिकास्ट हो रहा है। बता दें कि मेहता का अंतिम संस्कार नहीं होगा, क्योंकि फैमिली ने बॉडी डोनेट करने का फैसला किया है।
इसके बाद उन्हें 1958 में गुजराती नाटक मंडली कार्यालय में कार्यकारी मंत्री बनाया गया। 1960 से 1986 तक वे भारत सरकार के इन्फॉर्मेशन-ब्रॉडकॉस्टिंग मिनिस्ट्री के फिल्म डिविजन मुंबई में गजटेड अफसर भी रहे। 26 जनवरी, 2015 को उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
गुजरात के सीएम विजय रूपानी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया। लिखा, तारक मेहता के निधन से बहुत दुख हुआ। वे कॉलमिस्ट थे और हास्य-व्यंग्य लिखते थे। वे हमेशा हमारे चेहरों पर मुस्कुराहट लाए। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।
2008 में असित कुमार मोदी ने उनके लेख "दुनिया ने ओंधा चश्मा" की कहानी पर तारक मेहता का उल्टा चश्मा बनाया, जो सब टीवी पर प्रसारित होता है। इस कहानी में एक तारक मेहता का भी किरदार लेखक और कॉमेडियन शैलेश लोधा निभा रहे हैं। यह हास्य टेलिविजन धारावाहिक तारक मेहता का उल्टा चश्मा आज घर-घर में लोकप्रिय है।
तारक मेहता के निधन की जानकारी मिलते ही उनके चाहने वाले गमगीन हो गए। इन लोगों ने श्रद्धाभाव से तारक मेहता का स्मरण किया। उल्लेखनीय है कि तारक मेहता को वर्ष 2015 में पद्मश्री अलंकरण से सम्मानित किया गया था।
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