मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा ने तैयारियां काफी समय से शुरू कर दी हैं आज राजधानी भोपाल सरकार का 20 साल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया गया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में यह रिपोर्ट कार्ड पेश किया गया।
इस अवसर पर भाजपा की ओर से ओर से 4 वीडियो रिलीज किए गए हैं। पहले में भाजपा सरकार की योजनाओं को गिनाया गया। दूसरे में मोदी सरकार की ओर से मध्यप्रदेश को दिए गए लाभ दर्शाए हैं।
तीसरे वीडियो में दिग्विजय सिंह के शासनकाल को ब्लैक और शिवराज सिंह के शासनकाल को वाइट में दिखाया गया है। गरीब कल्याण महा अभियान थीम सॉन्ग 'हम गरीब कल्याण के हित में मेहनत करने वाले हैं' का वीडियो भी जारी हुआ।
मध्यप्रदेश सरकार के 20 साल के रिपोर्ट कार्ड पेश करने के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, डबल इंजन की सरकार ने विकास के नए प्रतिमान गढ़े। जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, मध्यप्रदेश की प्रगति और विकास को नई गति मिली।'
इस अवसर पर प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा, 'हमारा संकल्प मध्यप्रदेश को स्वर्णिम प्रदेश बनाने का है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य से निकाला।'
गरीब कल्याण महा अभियान के तहत मप्र के उन 1.36 करोड़ लोगों को ब्रांड की तरह पेश किया जाएगा, जो 2015-16 के मुकाबले 2019-21 के बीच आई नीति आयोग की रिपोर्ट में गरीबी रेखा से बाहर आए। गरीब कल्याण महा अभियान के जरिए केंद्र और राज्य की गरीबी रेखा से नीचे वालों के लिए जो भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, उन्हें घर-घर तक पहुंचाया जाएगा। ये संदेश दिया जाएगा कि 2003 से प्रदेश की भाजपा सरकार और 2014 से केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार के कारण ही 1.36 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।
3 दिन के अंदर सभी संभाग में केंद्रीय और राज्य के मंत्रियों द्वारा रिपोर्ट कार्ड लॉन्च किया जाएगा।
इसके बाद 4 दिन तक जिला स्तर पर भी रिपोर्ट कार्ड लॉन्च किया जाएगा।
विधायक, मंडल, शक्ति केंद्र और बूथ अध्यक्ष हर रविवार कम से कम 20 घरों में रिपोर्ट कार्ड बांटेंगे।
मुख्यमंत्री का पत्र भी देंगे और भाजपा सदस्य बनाने के लिए 7000-230-230 पर मिस्ड कॉल करवाएंगे।
सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर कमलनाथ ने तंज कसा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'सुना है, आज भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश में किए गए कामों का हिसाब देने वाली है। लेकिन, जनता चाहती है कि झूठे कामों का हिसाब देने के बजाए असली करतूतों का हिसाब दिया जाए।
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