अनिरूद्ध दुबे।
छत्तीसगढ़ की राज्यसभा सीटों के लिए कांग्रेस के जिन दो उम्मीदवारों के नाम की घोषणा हुई वह काफी चौंका देने वाले रहे- राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन।
राजीव शुक्ला राजनीति में आने से पहले बरसों पत्रकार रहे। खेल जगत से उनका गहरा वास्ता रहा।
वर्तमान में वे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं। रंजीत रंजन बिहार के बहुचर्चित नेता पप्पू यादव की पत्नी हैं।
पूर्व में माना यही जा रहा था कि दो सीटों में से भले ही एक पर किसी दूसरे राज्य के नेता को एडजस्ट कर दिया जाए लेकिन दूसरे पर ज़रूर छत्तीसगढ़ के किसी नेता के राज्यसभा में जाने के रास्ते खोले जाएंगे।
हुआ इसका एकदम उलट। दोनों ही सीटों के लिए दिल्ली से दूसरे प्रदेशों के नेताओं का नाम भेज दिया गया। सूत्र तो यही बताते हैं कि छत्तीसगढ़ से जो नाम भेजे गए थे उन्हें किनारे लगा दिया गया।
वैसे छत्तीसगढ़ से राज्यसभा के लिए गिरीश देवांगन, विनोद वर्मा, सतीशचंद्र वर्मा, डॉ. राकेश गुप्ता एवं राजेन्द्र तिवारी के नामों की लगातार चर्चा होती रही थी।
दूसरी तरफ विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने ख़ुद से होकर इच्छा जताई थी कि वे राज्यसभा जाना चाहते हैं।
मगर दिल्ली इतनी दूर हो गई कि यहां के नामों की वहां तक आवाज़ ही नहीं पहुंची और राजीव शुक्ला एवं रंजीत रंजन जैसे चौंकाने वाले नाम सामने आ गए।
सिविल लाइन व शंकर नगर में ज़्यादा समय बिताने वाले कुछ कांग्रेसी बताते हैं कि “पैराशूट की तरह ऊपर से छत्तीसगढ़ में जो दो नाम उतारे गए उन्हें लेकर खुद मुखिया हैरान थे।
दो दिन तो ऐसे भी गुज़रे जब मुखिया के चेहरे पर से उत्साह ग़ायब था।“ रंजीत रंजन को लेकर कांग्रेस के कुछ लोग चुटीले अंदाज़ में यह कहते नज़र आए कि “जन्म रींवा में हुआ, बचपन जम्मू कश्मीर में बीता, पढ़ाई पंजाब में हुई, सैटल दिल्ली में हुईं, शादी बिहार में हुई और राज्यसभा सदस्य छत्तीसगढ़ से बनीं।“ इसे कहते हैं तक़दीर।
लेखक छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार हैं।
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