मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स के माध्यम से काम करने वाले कर्मचारियों को कई जिलों में वेतन नहीं मिल पा रहा है। नेताओं से लेकर अधिकारियों तक लगातार चक्कर काटने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मजबूर कर्मचारी अब प्रदेश की राजधानी भोपाल में आंदोलन करने की चेतावनी दी है। साथ ही कर्मचारियों ने कहा है कि वह सोमवार से एक सप्ताह तक अलग-अलग जिलों में अपने खून से प्रधानमंत्री और भारत सरकार को पत्र लिखकर अपनी संवेदना व्यक्त करेंगे। जिसमें उत्तर प्रदेश की तरह नीति तैयार करने सहित अन्य प्रमुख मांगें उठाएंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश में करीब 30 हजार आउटसोर्स कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। आउटसोर्स संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कोमल सिंह ने बताया कि निजी आउटसोर्स एजेंसियों द्वारा सभी जिलों में मनमर्जी अनुसार अलग-अलग वेतन दिया जा रहा है। पिछले 8 वर्षों से प्रदेश के सभी जिलों में निजी आउट सोर्स एजेंसियों द्वारा श्रम विभाग द्वारा निर्धारित वेतन नहीं दिया गया। और 4 से 6 माह वेतन भुगतान नहीं किया जाता है। केवल 60 से 70% वेतन दिया जाता है। फिर भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एव सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षकों द्वारा निजी आउटसोर्स कंपनियों को ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि निजी फायदे को देखते हुए निरंतर नियम विरोध अनुबंध किया जा रहे हैं। जिसमें श्रम विभाग के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
कंपनियों पर करोड़ों के घोटाला का आरोप
कोमल सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा है कि आउटसोर्स कर्मचारी के वेतन के नाम पर निजी आउटसोर्स कंपनियों द्वारा करोड़ों रुपए का घोटाला किया जा रहा है। जिसको लेकर संगठन द्वारा निरंतर मांग की गई की कोषालय अधिकारी द्वारा जांच कराई जाए। लेकिन आज तक कोई जांच नहीं कराई गई। जिससे निजी कंपनियों के हौसले पूरी तरह से बुलंद है।
इन जिलों में नहीं हुआ वेतन का भुगतान
- जिला श्योपुर में 11 माह से वेतन नहीं दिया गया है .
- जिला कटनी में 6 माह से वेतन नहीं दिया गया है ।
- जिला जबलपुर में 3 माह से वेतन नहीं दिया गया ।
- जिला मुरैना में 2 माह से वेतन नहीं दिया गया ।
- जिला सागर में 4 माह से वेतन नहीं दिया गया ।
- जिला शहडोल में 5 माह से वेतन नहीं दिया गया।
- जिला उज्जैन महिदपुर ब्लॉक में 7 माह से वेतन नहीं दिया गया।
- जिला सीधी में 4 माह से वेतन नहीं दिया गया है।
- जिला नर्मदा पुरम में 2 माह से वेतन नहीं दिया गया है।
दिन में संज्ञान नहीं लिया तो उग्र आंदोलन
कोमल सिंह ने कहा है कि विगत 8 वर्षों से प्रदेश के सभी जिलों में निजी आउटसोर्स कंपनियों द्वारा बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। आउटसोर्स श्रमिकों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जिस पर संज्ञान लिया जाए निजी आउटसोर्स एजेंसियों की निष्पक्ष कोषालय अधिकारी से जॉच कराकर दोषी अधिकारियों एवं निजी कंपनियों पर कठोर कार्रवाई की जाए और ब्लैक लिस्ट किया जाए। आउटसोर्स कर्मचारी के परिवारों के रोजी-रोटी का भरण पोषण को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा सीधा खातों में भुगतान कराया जाए। या उत्तर प्रदेश शासन की तरह नीति तैयार की जाए। सात दिवस में विभाग द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया जाता है तो संघ द्वारा बड़ा आंदोलन किया जाएगा। जिसकी जवाबदारी शासन एवं विभाग की होगी।
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