संजय कुमार सिंह।
भाजपा बता रही है पेट्रोल के दामों का सच। इस चित्र के जरिए बताया गया है कि 16 मई 2004 को पेट्रोल 33.71 रुपए लीटर था और 16 मई 2009 को इसमें 20.5 प्रतिशत वृद्धि हुई तथा यह 40.62 रुपए लीटर हो गया।
अगले पांच साल में यानी 16 मई 2014 को पेट्रोल 71.41 रुपए था और इसमें 75.8 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।
2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद अभी पांच साल हुए नहीं है इसलिए अभी देश को पेट्रोल के भाव की बात ही नहीं करनी चाहिए।
फिर भी लोग कर रहे हैं तो भाजपा बता रही है कि 10 सितंबर को यानी आज पेट्रोल 80.73 रुपए प्रति लीटर है। और यह चार साल पहले के 71.41 रुपए से 13 प्रतिशत ही ज्यादा है इसलिए चिन्ता नहीं करनी चाहिए।
ऐसे जैसे अब पेट्रोल खरीदने वाले को 71.41 रुपए नहीं देने पड़ रहे हैं।
या यह भी कह सकते हैं कि पुराने भाव के लिए तो भाजपा विरोध कर चुकी है अब सिर्फ 13 प्रतिशत का क्या विरोध। गजब की प्रतिभा और तर्क शक्ति है भक्तों के पास।
खास बात यह है कि आंकड़े दिल्ली के लिए गए हैं मुंबई के नहीं और वो भी तब जह राजस्थान सरकार ने राज्य में पेट्रोल की कीमत कम कर दी है।
दिल्ली में जब भाजपा की सरकार नहीं है और कीमत पर उसका नियंत्रण नहीं है तो उदाहरण दिल्ली का क्यों? यही नहीं, मुद्दा पेट्रोल की अंतरराष्ट्रीय कीमत का है। पुरानी कीमत में सबसिडी होती थी।
सरकार जनता का ख्याल रखकर कीमत नियंत्रित रखती थी। अब सबसिडी नहीं है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत कम हुई है पर सरकार ज्यादा कीमत वसूल रही है।
भ्रष्ट सरकार सब्सिडी देती थी ईमानदार सरकार टैक्स वसूलती है। भाजपा की ईमानदारी का जनता को क्या फायदा हुआ? आप गणित पढ़िए राजनीति भाजपा ही करेगी।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और यह टिप्पणी उनके फेसबुक वॉल से ली गई है।
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