हिमांशु कुमार।
इन्हें जानिए , ये लोग देश की गृह नीति ही नहीं , विदेश नीति भी तय करते हैं ! भारत पाकिस्तान के रिश्तों में आई छप्पन इंची गर्मजोशी के पीछे जिंदल की बिजली और लोहा है , याद है न ? भारत के बीच के हिस्से यानी मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ , उड़ीसा , झारखण्ड ,बंगाल और बिहार के कोयले और लोहे पर कुछ ही बड़े लोगों पर कब्ज़ा है। उनमें से कुछ लोगों के नाम हैं कांग्रेस के जिन्दल और भाजपा के अभिमन्यु सिंह आदि। जिन्दल मुल्क की बिजली बनने वाली कंपनियों की लाबी का मालिक है । कई राज्यों के मुख्य मंत्री वही चुनता है । अभिमन्यु सिंह हरियाणा का है हरिभूमी अखबार का मालिक । छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की कोयला और लोहे की खदानों में आपको महंगी गाडियां दौडती दिखाई देंगी ।
आप पता लगाइए वो सब अभिमन्यु सिंह के लोगों की होंगी। भाजपा ने अभिमन्यु सिंह को भाजपा का महासचिव बनाया है और कहा गया कि वो मोदी के नए सिपहसालार होंगे . दैनिक भास्कर जैसा बड़ा अखबार भी इन राज्यों में ज़मीनों और खदानों पर कब्ज़ा करने में लगा हुआ है।
इन ताकतवर माफिया के कब्ज़े में इस इलाके की पूरी मीडिया है। इन राज्यों की सरकारें इन इनकी जेबों में पड़ी हुई हैं। सरकारी अफसर इनके नौकरों की तरह काम करते हैं । हमें सरकार ने सूचना के अधिकार के तहत बनाया है कि जिन्दल के कई पावर हॉउस बिना सरकारी मंजूरी के बनाये गये हैं । क्योंकि वो जंगल की ज़मीन पर बनाये गये हैं और सरकार जंगल की ज़मीन कानूनन किसी को दे ही नहीं सकती। लेकिन ये लोग धडल्ले से संरक्षित वन भूमि पर पावर हाउस चला रहे हैं , बिजली बना रहे हैं , और उस बिजली को सरकार खरीद भी रही है। लेकिन सरकार कहती है कि उसने इन्हें पावर हाउस के लिये ज़मीन दी ही नहीं है।
इन इलाकों के पत्रकार इनके खिलाफ नहीं लिखते । कोई सामाजिक कार्यकर्त्ता या पत्रकार इनके खिलाफ आवाज़ उठाता है तो उसे पुलिस डराना धमकाना शुरू कर देती है। इन्ही लोगों के लिये ज़मीने खाली कराने के लिये सुरक्षा बलों को आदिवासी इलाकों में भेज दिया गया है। ये सुरक्षा बल इन इलाके के लोगों को मार रहे हैं , लड़कियों से बलात्कार कर रहे हैं ,आवाज़ उठाने वालों को जेलों में डाल रहे हैं।
अखबार और टीवी इनके ,सरकार इनकी ,पुलिस इनकी। जंगल और ज़मीन इनकी।मुल्क इनका । भाजपा इनकी,कांग्रेस भी इनकी। ये बदमाश मालिक बन गये मुल्क के। शहरी लोग इन अमीरों की कंपनियों में नौकरी करने के लिये मरे जा रहे हैं। इसलिये शहरी लोग इन पीड़ितों की आवाज़ सुनना ही नहीं चाहते। इन इलाकों के करोड़ों आदिवासियों को हमने इन भेड़ियों के रहमो करम पर छोड़ दिया है। आप किसी को भी वोट दीजिए सत्ता इन्ही के हाथों में रहेगी। HIMANSHU KUMARके फेसबुक वॉल से
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