आशुतोष कुमार।
रेप धमकी गैंग ने धमकी पर अमल शुरू कर दिया है। बहादुर गुरमेहर के फर्ज़ी "आपत्तिजनक " वीडियो और चित्र सोशल मीडिया में तैराए जा रहे हैं। यह साइबर यौन हिंसा है। गुरमेहर को अपना फेसबुक अकाउंट बंद करना पड़ा है।
गुरमेहर को सच बोलने की सजा दी जा रही है। जैसे सुकरात को दी गई थी। लेकिन चूंकि वो एक लड़की है , इसलिए ज़हर का रंगरूप बदल दिया गया है। उधर एनडीए सांसद राजीव चन्द्रशेखर ने इंडियन एक्सप्रेस में गुरमेहर के नाम एक खुली चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में राजीव ने गुरमेहर पर दो आरोप लगाए हैं। पहला यह कि उसने युद्ध के प्रसंग में पाकिस्तान को दोषमुक्त करार दिया है।
यह इल्जाम एक सफ़ेद झूठ है, गुरमेहर ने ऐसा कभी नहीं किया .उसने साफ़ साफ़ कहा है कि युद्ध के लिए शासक जिम्मेदार होते हैं, जनता नहीं। युद्ध की जिम्मेदारी पाकिस्तानी शासकों पर हैं, पाकिस्तानी जनता पर नहीं। पाकिस्तानी जनता का कर्तव्य है अपने शासकों पर युद्ध और आतंकवाद से विरत रहने का दबाव डालना भारत की जनता का कर्तव्य है अपने शासकों को शांति पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना। गुलमेहर ठीक यही कर रही है।
अगर पाकिस्तानी राज्य युद्ध चाहता है, अगर भारतीय राज्य शान्ति चाहता है, तो क्या भारत को शांति की गुहार नहीं लगानी चाहिए, शान्ति के पक्ष में नहीं खड़े होना चाहिए ? क्या भारत और पकिस्तान की भाषा अलग-अलग नहीं होनी चाहिए ?
सभी जानते हैं कि परमाणुशक्ति सम्पन्न भारत और पाकिस्तान के बीच निर्णायक युद्ध असम्भव है। फिर क्या अनंत काल तक यह छद्म युद्ध चलता रहे? क्या मासूम नागरिक और जांबाज सैनिक एक ऐसे युद्ध में शहीद होते रहें, जिसका युद्ध के द्वारा निर्णय होना असम्भव है?
यथास्थिति का कायम रहना पाकिस्तानी शासक वर्ग की जीत है। भारतीय राज्य और भारतीय जनता की जीत केवल और केवल शान्ति में है। शान्ति को असम्भव मान लेना पाकिस्तानी जुंटा की जीत की घोषणा कर देना है।
नौजवान पीढी ऐसा नहीं होने देगी।
राजीव चंद्रशेखर ख़ुद अपनी इसी चिट्ठी में आगे कबूल करते हैं कि युद्ध के लिए पाकिस्तानी शासक जिम्मेदार हैं, अवाम नहीं। इसलिए अपनी ओर से भी भारत और पाकिस्तान की जनता से शासकों को सही राह दिखने दिखाने की अपील करते हैं। फिर वही अपील गुलमेहर करती है तो वो देशद्रोही कैसे हो जाती है ? जाहिर है राजीव को पता ही नहीं है कि वे कितनी आत्मविरोधी बातें कह रहे हैं!
गुरमेहर पर राजीव का दूसरा आरोप यह है कि वो देशद्रोहियों के साथ खड़ी हो गई है। उनका असली दर्द यही है।
गुरमेहर ने तो किसी के साथ खडी हुई है , न गुरमेहर के साथ खड़े लोग देशद्रोही हैं। बात सिर्फ इतनी है कि गुरमेहर ने युद्धोन्माद और अंधराष्ट्रवाद की राजनीति का विरोध किया है। यह विरोध ही वो असली गुनाह है, जिसके कारण रेप धमकी गैंग उस पर टूट पडा है। सांसद ने इस रेप धमकी गैंग की निंदा में एक लफ्ज़ भी कहने की जरूरत नहीं समझी!
फेसबुक वॉल से।
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