राकेश दुबे।
महाराष्ट्र की अलगवावादी हवा गाँधी के गुजरात को भी लग गई। भाषाई आधार पर दूसरे प्रदेश के लोग खदेड़े जा रहे हैं, और साहेब दिल्ली में बीन बजा रहे हैं। इस पलायन के मूल में बताई जा रही घटना निंदनीय अक्षम्य अपराध है, कानून को उसका काम करने दिया जाये।
अपराध से घृणा करो, अपराधी से नहीं” कहने वाले बापू के प्रदेश से दूसरे राज्यों के सैकड़ों लोगों का पलायन, हिंसा, मारपीट का परिणाम देश में नफरत है। साहेब चुप्पी तोड़ो, सब कुछ छोड़ो – देश जोड़ो।
गुजरात के साबरकांठा में 14 महीने की बच्ची से बलात्कार की घटना के बाद माहौल बिगड़ चुका है। घटना के बाद यहां यूपी-बिहार और मध्य प्रदेश के लोगों पर हमले के मामले बढ़ गए हैं।
अब दूसरे राज्यों से आए ये लोग बड़ी तादाद में अपने परिवार के साथ गुजरात से पलायन कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर लोग साबरकांठा, महेसाना, अरवल्ली, गांधीनगर, सुरेन्द्रनगर इलाके से हैं। बलात्कार की घटना के आरोप में पुलिस ने एक बिहार के रहने वाले शख्स को गिरफ्तार किया है।
घटना के विरोध में लोग गुस्से में हैं। इस घटना के बाद यूपी-बिहार के लोगों पर हमले बढ़ गए हैं| महाराष्ट्र की तर्ज़ पर गुजरात की ठाकोर सेना के लोगों ने अन्य प्रदेश के लोगों को जान से मारने कि धमकी देते हुए तोड़फोड़ और आगजनी की वारदात को अंजाम दे दिया है।
मध्यप्रदेश के भिंड के रहने वाले राजूभाई अपने पूरे परिवार के साथ पिछले 10 साल से गुजरात के कड़ी में रह रहे हैं| वे पानीपुरी बेचकर अपने परिवार का गुजारा चलाते हैं। राजूभाई के मुताबिक, दो दिन पहले अचानक यहां पर कुछ लोग आए और उन्हें जान से मारने कि धमकी देते हुए उनकी लॉरी को तोड़फोड़ दिया। यही नहीं, उन्हें धमकी दी गई कि परिवार के साथ यहां से निकल जाओ वरना जिंदा नहीं रह पाओगे।
राजूभाई अकेले ही नहीं हैं| बल्कि अहमदाबाद के मेधानीनगर से रोजाना गैरगुजराती 80 से 90 बसें भरकर पलायन कर रहे हैं गैर गुजरातियों पर हमलों के मामले में राजधानी अहमदाबाद भी अछूती नहीं है।
अहमदाबाद में रिक्शा चलाने वाले पर हमला कर उसकी रिक्शा को नुकसान पहुंचाया गया। यह मुम्बई की नकल है। छोटे लोगों पर हमला बड़ों में दहशत, फिर वसूली।
पूरे गुजरात में गैरगुजरातियों पर हमले के अब तक 19 मामले दर्ज हो चुके हैं। जबकि १५० लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, कई बाहर घूम-घूम कर धमका रहे है। घटना के बाद पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे है।
पुलिस लोगों को बार-बार भरोसा दिला रही है कि वे किसी से न डरें और पलायन न करें, लेकिन लोगों में डर कायम है। कोई “मोटा भाई” भरोसे के साथ नहीं निकल रहा है, गैर गुजरातियों के पक्ष में।
गुजरात पुलिस महानिर्देशक शिवानंद झा का कहना है कि सोशल मीडिया पर गैर गुजरातियों खासकर बिहार और उत्तरप्रदेश के लोगों के खिलाफ नफरत भरे संदेश प्रसारित होने के बाद ये हमले हुए हैं।
अब सवाल यह है कि देश में प्राथमिकता क्या है ? क्या कन्हैया कुमार की आवाज़ में स्वर मिलाने में गुजरात के चंद नेता सफल होंगे। महाराष्ट्र की हवा गुजरात से अन्य राज्यों की तरह बहेगी? अखंड भारत की बात किताबों तक ही है, किसी के अजेंडे में बाकी है क्या ? फिर एक अपील साहेब चुप्पी तोड़ो, सब कुछ छोड़ो – देश जोड़ो।
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