मल्हार मीडिया ब्यूरो।
दिल्ली में हुई भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की बैठक में संभावित प्रत्याशियों की छवि को मुख्य आधार बनाया गया।
नेताओं का मानना है कि अब रायशुमारी नहीं हो पाती है इसलिए सर्वे में समाज के हर वर्ग के साथ कार्यकर्ताओं की राय भी ली जा रही है।
केंद्रीय नेतृत्व द्वारा कराए गए सर्वे में विधानसभा क्षेत्र में जिस जाति विशेष के अधिक वोट होंगे उस जाति के प्रत्याशी को टिकट में प्राथमिकता दी गई है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी करने से पहले दिल्ली में हुई भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की बैठक में संभावित प्रत्याशियों की छवि को मुख्य आधार बनाया गया।
केंद्रीय नेतृत्व द्वारा कराए गए सर्वे में मौजूदा विधायकों और दावेदारों की छवि को लेकर बारीकी से छानबीन कराई गई।
पार्टी जातिगत और भौगोलिक संतुलन तो देखेगी ही, लेकिन दावेदार की छवि समाज में दागदार, आपराधिक या बाहुबली की होगी तो उनसे किनारा कर लिया जाएगा। यही वजह है कि बैठक में टिकट के दावेदारों की छवि को लेकर अलग से टिप्पणी की गई है।
नेताओं का मानना है कि अब रायशुमारी नहीं हो पाती है इसलिए सर्वे में समाज के हर वर्ग के साथ कार्यकर्ताओं की राय भी ली जा रही है। पार्टी द्वारा कराए जा रहे सर्वे में टिकट के संभावित दावेदारों की छवि को लेकर बारीकी से छानबीन कराई जा रही है।
सर्वे में मौजूदा विधायकों की छवि को लेकर भी प्रतिकूल टिप्पणी आई तो उनके टिकट काटे जा सकते हैं। गौरतलब है कि भाजपा ने 39 प्रत्याशियों की एक सूची जारी कर दी है। दूसरी सूची कुछ ही दिनों में सामने आ सकती है।
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ऐसे दावेदारों से भी किनारा कर सकती है, जिनके परिवार या रिश्तेदार के किसी कृत्य से पार्टी को शर्मसार होना पड़ा है। मौजूदा विधायकों में भी सिर्फ उन्हीं विधायकों को टिकट दोबारा मिलने की उम्मीद है जिनकी छवि बेहतर पाई जाएगी।
केंद्रीय नेतृत्व द्वारा कराए गए सर्वे में विधानसभा क्षेत्र में जिस जाति विशेष के अधिक वोट होंगे उस जाति के प्रत्याशी को टिकट में प्राथमिकता दी गई है।
इसके साथ ही पिछले विधानसभा चुनाव में जिनकी जीत का अंतर एक हजार या उससे भी बहुत कम रहा है, ऐसे प्रत्याशियों को दोबारा चुनाव मैदान में उतारने से पार्टी परहेज करेगी।
यह भी तय किया गया है कि जिन सीटों पर पार्टी पांच से 15 हजार या उससे अधिक वोटों से हारी है उन प्रत्याशियों को दोबारा टिकट नहीं दिया जाएगा।
भाजपा प्रवक्ता डॉ.हितेाश् वाजपेयी कहते हैं भाजपा दल और प्रत्याशी की छवि से कभी कोई समझौता नहीं करती है। सार्वजनिक जीवन में भी प्रत्याशी की छवि महत्वपूर्ण होती है। जनता भी इसे पसंद करती है।
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