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सावधान टाईगर कैपीटल भोपाल में घूम रहे हैं 22 बाघ

खास खबर            May 17, 2024


 मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में तेंदूपत्ता तोड़ने गए एक व्यक्ति को बाघ चबा गया। इस घटना के बाद जिले से सटी भोपाल की शहरी सीमा से लगे जंगली हिस्सों में आवाजाही करने वालों को सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि, इस इलाके में एक दो नहीं बल्कि करीब 22 बाघों का रहवास है।

भोपाल देश की एकमात्र राजधानी है जो टाइगर कैपिटल होने के साथ बाघों और मनुष्यों के सहजीवन का नमूना भी है। यानी यहां अर्बन टाइगर हैं। यानी अर्बन टाइगर जो इंसानी चहल-कदमी के साथ रहने के आदी हो जाते हैं। वे उन पर हमला नहीं करते, बल्कि अपना-अपना रास्ता देख लेते हैं।

शहर से लगे कोलार, केरवा, चंदनपुरा वन क्षेत्र में मवेशी चराने से लेकर पिकनिक मनाने लोग हर रोज टाइगर के क्षेत्र में पहुंचते हैं। जबकि यहां 1 बाघिन और 4 चार शावक घूमते हैं। समरधा में भी करीब 18 टाइगर हैं। आबादी और जंगल के बीच करीब 18 कि.मी की टूटी फेंसिंग खतरा बनी हुई है।

वन विभाग ने चंदनपुरा, कलियासोत सहित बड़े हिस्से को टाइगर कॉरिडोर घोषित कर रखा है। वन विभाग के रिटायर्ड अधिकारी के.सी मल्ल के अनुसार टाइगर क्षेत्र में निर्माण हो गए हैं। यहां कई डेयरियां हैं। पशु चराए जा रहे हैं। इसलिए कभी भी हादसा हो सकता है।

हाल में ही चंदनपुरा में बाघ नजर आया था। भोज यूनिवर्सिटी कै्पस में तेंदुआ का मूवमेंट दर्ज हुआ था। मेनिट परिसर में भी एक टाइगर ने दस्तक दी थी। यानी आबादी के बीच टाइगर आते रहे हैं।

 



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